Wednesday, December 31, 2008
पत्नी की डांट और नव वर्ष की सुबह
आफताब की नव किरणों ने दस्तक बंद पलकों पर
नव उल्लास नव वर्ष
वो शरमाई , मुस्कुरायी
तड़फ से जो हमने थामा उसका हाथ
पड़ी डांट
बच्चे बड़े हो गए हे
चाय पी लो
सपने में भी जब हाथ थामोगे,
मेरा होगा
ख्वाबों की फ्रेम तुम रोज बदलते हो
पर तस्वीर मेरी ही रहेगी
सात जन्मो का ठेका हे प्यारे
तन्हाई के मजे तो सात फेरे लेते ही खत्म हो जाते हे
तुम्हारे जेसे भंवरे भूख लगते ही घर आते हे
और रहा इश्क का सवाल
तुम्हे नींद तो मेरी बाहोँ में आती हे
माशूका ठण्ड गुजरते ही पिघल जाती हे
Tuesday, December 30, 2008
नो दो ग्यारह
मचा हुआ हे गोरख धंधा
डांस और मस्ती unlimited
विजातीय साथी होना जरुरी
विज्ञापनों की लहर
अखबारों में ऐसी
लगता हे इस रात की सुबह नही ......
कपल पास का जुगाड़ कीजिये
सवेरे नो दो ग्यारह हो जाइये
Sunday, December 28, 2008
महीना
ठण्ड भी बढ गई
कसमे वादे भी ठिठुर गए
आंखों में लहू पानी में बदल गया
खूब अभियान चलाया
नेता जी का पोस्टर छपवाया
शाम को बाटी पंजीरी
घर जा कर सुती गरम कचोरी
जो थोड़े बहुत गरम हे
समय के साथ ठंडे हो जायेंगे
बांस पर खड़े लोकतंत्र से
इससे ज्यादा उम्मीद मत करो
Wednesday, December 17, 2008
जूता मत चुराइए
तुमने मुझे मारकर
अनमोल कर दिया
वरना ये तो घर पर
रोज जूते खाता हे ,
सामजिक बदनाम
हम पहले से थे
तुमने मुझे मारकर
ग्लोबल चमका दिया,
सभ्य समाज में जूतम पैजार जारी हे
आज तुम्हारी तो कल हमारी बारी हे
जूते चलाना लोकतंत्र में शामिल हे
दहेज़ के लोभियों का जूता मत चुराइए
, सिर्फ़ मारीये
Saturday, December 13, 2008
लोकतंत्र के पहलवानों
वाह रे लोकतंत्र के पहलवानों
नुरा कुश्ती जारी हे
वाह रे वीर सपूतों
अब तक तो पत्नी ही दांव पर लगाई
अब माँ पे नज़र ...............
खूब रेवडी बांटी
खूब चांदी काटी
जाँच जारी हे
तवायफ ज्यादा प्यारी हे
अब पत्नी पे नज़र ...............
टीवी चॅनल के बिग बोसोँ
इश्क के प्लेबायों
सजे धजे सफ़ेद हाथियों
सत्ता की हरी भरी घास के शोकिनोँ
अब माशूका पे नज़र ....................
Monday, December 8, 2008
पुराने शहीद
किसी ने बालों को पकड़ कर ऊपर उठा लिया
क्यों बेटा
खिसक गई जमीन
बता में कोंन हूँ ?
हमने कहा
पुराने शहीद हो
हिंसा पर उतर आये हो ,
जबकी हम आपकी बिरादरी को बढावा दे रहे हें
चुनाव में आपका फोटो लगाया
कुर्सी पाई
अभी चोराहे पर आपका शिलान्यास कराया
और आपने बाल पकड़ कर हमे ही लटकाया
बातचीत जारी हे
आपके हित का
हमने ध्यान रखा हे
हिंदुस्तान में हरे भरे उपवनों के बीच एक VIP स्थान रखा हे
Friday, December 5, 2008
महीने का किराना
बिना खाए पत्नी का ताना
हजम नही होता पति को खाना
देखकर इस महीने का किराना
हम ने पुछा
ये इंतनी वेराइटी की मोमबत्तियां !
इतने पोस्टर कलर और पेपर
क्या बच्चों के स्कूल में
प्रोजेक्ट के लिए लाया हे
बोली तुम
ठहरे दीया छाप ,
सामाजिक सरोकार तो मुझे निभाने हे
हर occassion पर क्या पहले बाज़ार जायुंगी !
कालोनी में पॉँच छे पके आम
हॉस्पिटल में हे
कम से कम दो तीन मोमबत्तियां
अभी लग जाएँगी
Wednesday, December 3, 2008
चिटठा जगत से जुगाड़ व्यंग की
मुंबई स्प्रिट ??? [15]
पांच पैसे ने बचाई जान! [13]
" लुन्गाडे यार किसके ? खाए पीये और खिसके !" [13]
ताऊ का सैम और "अ" हटाकर अच्युतानंदन [11]
मय्यत में कन्धा देने को, अब्बू तक पास न आयेंगे [10]
एक दिलजले के सवाल [9]
****कोई मेरे जख्म सी दे [9]
उस्तरा किस के हाथ? [9]
आप तो जानते हैं इन नेताओं को [7]
उसे छिप छिपकर देखने की कोशिश करता हूं... [7]
वेलकम भूतनी पुत्र [7]
आग घर के ही चरागों से है इस घर मे लगी [ग़ज़ल] -
सात दिन सात पोस्ट!! [6]
मुम्बई - आतंक के बाद [6]
क्या हुस्न है क्या जमाल है ... [6]
हम स्वाभिमानी फिर से कब होंगे ? [6]
एक तो बरसाती मेंढक, दूसरा चश्माधारी, तीसरा आँख का अँधा और चौथा भोंपु [6]
क्या आप ने यह नक़्शा देखा है?
[5] पत्रकारो... तुम कहाँ हो? [5]
वह न्यूज चैनल का प्रोड्यूसर है [5]
मरी बिल्ली पर चादर [5]
मुम्बई एपिसोड और हमारा राष्ट्र-प्रेम : एक पहलू यह [4]
आज मनमोहन को एक जोरदार थप्पड़ जड़ा है जरदारी ने [4]
जीने और जीने में फ़र्क बहुत है...! [4]
ब्लॉग पर traffic बढ़ाएं-3 [4]
आतंकवादी [4]
A Wasp - एक ततैया [4]
लो हो गई श्रऋधांजलि पूरी : हमारा कदम [4]
इबारत [4]
टिप्पणियों में संयत भाषा का प्रयोग करें [4
Monday, December 1, 2008
खड़े रहो अब चोराहे पे
मोटर बोट टाइम पे आयी
लोकतंत्र के सांड
खड़े रहो अब चोराहे पे
तुम्हे तो लाल रंग से इश्क हे
चाहे लाल बत्ती हो
या खून का रंग
खड़े रहो अब चोराहे पे
वेसे भी पचास साठ साल के हो गए हो
आवारगी छोड़ो अपनी देखो ,
इधर उधर मत झांको
वरना खड़े रह जायोगे चोराहे पे
Thursday, November 27, 2008
आतंकवाद का जीडीपी
सडकों से फाइव स्टार जा पहुँचा
वार्ता जारी हे ,
सभी स्तरों पर
चैनलों पर रणनीती
फिर वही पुराने कलाकार
माइक पर रहे चिंघाड़
आतंकवादी बातचीत को तैयार
मेहमान मेरे घर में मारा गया
मेरे अपने का सर से साया गया
लोकतंत्र के रहनुमाओं
इस समाज को जनखा मत बनाओ
वक्त कठिन है
निर्णय की घड़ी है
मत एक दुसरे पर इल्जाम लगाओ
आजादी की तस्वीर पर माला मत चढाओ
Tuesday, November 25, 2008
वोटर लिस्ट
फिर कोई बम फटा
फिर कोई जवानी
बेवा हो गई
इश्क की मधुमक्खी ने फिर काटा
हमे बड़ा गुमान था
वोटर लिस्ट में नाम था
शहद सी मीठी जुबां हो गयी
सफ़ेद वस्त्रों की केंचुली धारण कर
हम उसके दरवाजे पहुंचे
अंदर से आवाज आयी
बम लगाने वाला उसका भाई था
Friday, November 21, 2008
खोज जारी हे 2
नयी नयी अप्सराएँ
कपडे लापता हे
खोज जारी हे
नए नए सर्वे
नए नए आसन
पुरुसत्त्व लापता हे
खोज जारी हे
नयी नयी नारी
नए नए आन्दोलन
घरोंदा लापता हे
खोज जारी हे
नए नए ब्लॉग
नयी नयी प्रतिभाएं
पाठक लापता हे
खोज जारी हे
Thursday, November 20, 2008
खोज जारी हें
सजे धजे दरबार
इश्वर लापता हें
खोज जारी हें
रिश्तों के नये आयाम
मीडिया करे व्यायाम
इश्क लापता हें
खोज जारी हे
नये नये ढोर
कर रहे हे शोर
लोकतंत्र लापता हे
खोज जारी हे
नये नये हीरो
नयी नयी हिरोइन
हिट लापता हे
खोज जारी हे
Friday, November 14, 2008
चाँद
आदत से मजबूर बटन दबाया आवाज आई ,चाँदनी की रिंग टोन मुफ्त उपलब्ध हे
sms कीजिये moon1234..
इधर मोबाइल बंद हुआ उधर किसिने दरवाजा खटखटाया
सामने नजाए आई चाँदनी ,
सर, आप चाँद से परेशान हें,हमारी कंपनी का तेल लगाइए
शर्तिया तीन महीने में काले बालों से लेस हो जाइये .
जैसे ही किया दरवाजा बंद,
अपनी उम्र का ख्याल करो इतनी देर क्या गूंटर गु कर रहे थे
चाँद बादलों में जा चुका था
और मुस्कुरा रही थी चाँदनी
Tuesday, November 11, 2008
चन्दे का सांड
सांड अब शहर में
आयेंगे ,
मुस्कुराएंगे ,
गायों से तमीज से पेश आयेंगे
अब तुम चाहो
तो ये चारा भी ,
तुम्हारे हाथों ,
खायेंगे
लोकतंत्र में ऐसा
अवसर हर बार आता हे
नतीजा आते ही
सांड ट्रैफिक कंट्रोलर हो जाता हे,
गायें सांड पालक के
खूटे से बंध जाएँगी
कमाई की इस से बेहतर
scheme क्या होगी .....................
mutual फंड जोखिम का सौदा हें पर हमारे इस mutual fund की NAV विश्व में सर्वाधिक हें
Wednesday, November 5, 2008
कुत्ता और साइज़ जीरो
चदते उतरते हें
आदमी सीडियों से
शुगर का जमाना हें,
माताएं इठलाती हें
फ्रोजेन फ़ूड खिलाती हें
सॉफ्ट ड्रिंक पिलाती हें
साइज़ जीरो का जमाना हें,
सात फेरे लेने से
नही होती शादी
अब तो
गठबंधन का जमाना हें
लोकतंत्र अब
बुडा हो चला
कटोती के चलते
पेंशन लेने का जमाना हें
मदारी
मुंबई जल रहा हे
फुटपाथ पर आदमी
दर दर पिघल रहा हे
मदारी फिर शहर
में आने लगे हे
सापों को दूध और बांसुरी
से रिझाने लगे हे
समेटे कर अपना
ये चले जायेंगे
डसने के लिए
इन्हे छोड़ जायेंगे
तुम मदारी को
पकडो
साँप ख़ुद ब ख़ुद
बिल में चले जायेंगे
Thursday, October 23, 2008
सामजिक पीकदान
के कारण,
कई अभिलाषाएं , कई प्रतिभाएं ,
कुर्बान
पुरूष खोलता हे
कपडों की डोरियाँ मुस्कुराकर ,
पर जकड देता हे मन को
परम्पराओ का आइना दिखा कर
मंदी में
सामजिक व्यवस्था हे
जननी का शरीर
सबसे सस्ता हे
Wednesday, October 22, 2008
ब्लोगधारी
रोटी संग साग
टिपण्णी ठंडा पानी
निरंतर चलती कहानी
सबके अपने फलसफे
सबकी अपनी अदा
खट्टी मीठी नोक झोंक
पर रिश्ता सबसे सदा
इश्क और मासूका
लोकतंत्र और नेता
समाज के हर पहलू पर
चलती हे इनकी वाणी
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
Tuesday, October 21, 2008
इश्क और मुआवजा
स्टेशन पर पिटे भी
परीक्षा नही दी
मुआवजा मिला सो अलग
हमने भी दिया
इश्क का इम्तिहान
आज तक
मुआवजा भर रहे हें
जमाना बदल रहा हे
नफरत का दावानल बढ़ रहा हे
लपेटे में सबसे पहले आती हे जवानी
डालो इश्क का ठंडा पानी
Sunday, October 19, 2008
IMF की बारी
से एक की दुहाई
सल्तनतें लूट गई,
पर समझ नही आई
अब IMF की बारी .
आधुनिक अमरीकी समाज
चीफ कर रहे थे मसाज
स्वंय पति देव रिलीज़ कर रहे टेप
पर जाँच होगी
मुख्य बिदु ये हे
कही positinal advantage ,
तो नही लिया
निर्णय अदालत करेगी .......
Saturday, October 18, 2008
चुनाव का टिकट
चिंतन धीर गम्भीर
बाहर खड़े candidate
हो रहे अधीर
किराये पर बुलाये
दिखा रहे आँखे
छुटभहिये नेता
इधर उधर झांके
सफ़ेद पोशो की आड़ में
नगर वधुओं की टोली
मचा हुआ घमासान
जबरन चंदा वसूली
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
Thursday, October 16, 2008
करवा चोथ और आइना
सूरज नही
चाँद का महत्व हे
परिवर्तन संसार का नियम हे
लिव इन का जमाना हे
सीधे मत देखो
ख़ुद पे भरोसा कम हे
आइना जरूरी हे
हर अंतरंग रिश्ता
अब बाज़ारों में बिकता हे
तीज त्यौहार की
अब ये मजबूरी हे
हवाई और जमाई
जमीन पर चिल्लाये ये धरा के लाल
मंत्री बोले समस्या गंभीर हे
चॅनल बोले ये तो शरद की खीर हे
यंग hunks ,glamours bebies
रोते नज़र आए
सर्विस इंडस्ट्री के ये कर्णधार
उत्पाती बन्दर से चिलाये
टैक्स का खंजर
अब दूर तक चुभा
मंदी का तो अभी
पहला झटका लगा
Wednesday, October 15, 2008
ड्राइविंग लाईसेन्स
आपकी गाड़ी चाहिए
ड्राइविंग लाईसेन्स के लिए
ट्रायल देना हे
बाप ने झिड़कते हुए कहा
ले पॉँच सो , दे आना
लाईसेन्स घर आ जाएगा
तू नई bike ले आ
आज कंधे पे
वो लाईसेन्स धारी हे
और जवान फोटो पर माला
वो नोट आज भी चल रहा हे
Monday, October 13, 2008
लिव इन, लीव आउट
जितने शहीद नही हुए
एडस में भी इतने
नही गले
सूचना के सभी माध्यमो
के सर्वे से पता चला
अवेध संबंधो की वजह से
उससे ज्यादा स्वर्ग सिधार गए
पर अब ऐसा नही होगा
देश का सामाजिक विकास होगा
सभी ब्लोग्धारी आम जन निश्चिंत हो जांए
लिव इन रहे
नोट : लीव आउट आप की मर्जी
Sunday, October 12, 2008
इश्क का पेस मेकर
सालों पुराना कंघा सर पर चला
बचे खुचे लाइन में लगाये
खुशबु बिखेरते हम बस स्टैंड पर नज़र आए
वो कार से आई
बोली गेट इन hurry up dear
हम पलक झपकते कार
में समां गए
उसने जुल्फों को दिया झटका
और एक सवाल पटका
लिव इन के बारे में
क्या ख्याल हे तुम्हारा
हमने कहा लिव इन ,
आम बात हे हमारे लिए
हर बार वादा करते हे
पॉँच साल इंतजार करते
वादों के सेलाब में
पिछले छह दशकों से
कई फ्रेम पर लटक गए
ये हमारे इश्क का जूनून हे
तुम्हारे प्यार में हमारा वादा रहा
इंतजार इश्क का गहना हे
हम तो लाइव रहेंगे
और तुम लिव इन
Thursday, October 9, 2008
मिली जुली सरकार
तो भी रावन नही मरेगा
मिली जुली सरकार का
राम क्या युद्ध करेगा
भरत अब पादुका नही
सुपारी दे के बेठा हे
रावण से नही मरा
तो लछमन के हाथो तरेगा
ये कलयुग का रावन हे
सतयुग के राम से कैसे मरेगा
कलयुग में रावन
मेघनाथ के हाथों मरेगा
Tuesday, October 7, 2008
कन्या भूर्ण
काला बांस
सर पर उगी थोडीसी
सफ़ेद घास,
लम्बी गाड़ी के
इर्द गिर्द
चक्कर
लगा रहे थे ,
कान में काला यन्त्र
शिदत से चिपका था
और कुछ
बढ़ बढ़ा रहे थे ,
पास में एक मरियल
कांप रहा था
साथ में अच्छी नस्ल का वेल एजूकेटेद
हांफ रहा था
रोचक दृश्य देख कर
हम ने पुछा
माजरा क्या है
बोले ,
यह यन्त्र मोबाइल नही
रिसीवर है
मेरी बीबी सो रही है
उसकी खराटे सुन रहा हु ,
हमने पुछा क्या मतलब ?
बोले जवानी में मिली नही
फिर खूब मेहेनत कर कमाया
फिर इस कमसिन को
खरीद कर लाया ,
जेसे ही खर्राटे बंद होंगे
हम तुंरत घर होंगे
में चाय बनाऊंगा
ये दोनो मेरी बीबी के गुलाम हे
एक सस्ते में
एक महंगे में आया हे
ये कांपने वाला झाडू पोंछा
बर्तन करेगा
हांफने वाला उसकी गोद में
आराम करेगा .
दोस्तों ये रचना का सार हे,
कन्या भूर्ण की हत्या मत कीजिये
एक के तीन से बेहतर हे
तीनो में एका रहे
पति पत्नी और बच्चा
Monday, October 6, 2008
आर्थिक मंदी और अध्यात्म
विश्व हुआ बेहाल
सभी उधोगों के शेयर
थक कर हुए निडाल
अध्यात्म की कम्पनियो का धंधा
हुआ चोगुना
विदेशी मुद्रा भी कमाई
दलालों का इनवेस्टमेंट दुगना
कथावाचक दे रहे अब
ज्योतिष की सीख
अन्धविश्वास के नाम पर
खीचे लाखों की भीड़
सभी धंदे त्रस्त हे
पर यहाँ सभी प्रोडक्ट मस्त हे
उद्योगों को आ रहा पसीना
इनके एयरकंडीशनर का बजट दुगुना
फिल्मी गीतों की तर्ज पर
होती भगवान से प्रीत
शाम डालते मंच पर
होती सोशललाइट ओं की भीड़
लोकतंत्र की जननी
शत शत तुझे प्रणाम
श्रधा के अद्धे पर
सभी भक्त कुर्बान
Friday, October 3, 2008
जो दीखता हे वो बिकता हे
सीता को वनवास में नही बताते
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
गर्म गोस्त की ख़बर हो तुम तुंरत पहुच जाते हो
एड्स का रोगी लॉन्ग शोट में दिखाते हो
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
अंध विश्वास तुम चटकारे ले के दिखाते हो
गरीब की भूख तुम्हे दिखाई नही देती
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
बड़ी बड़ी कोचिंग क्लास तुम रोज दिखाते हो
नाम मात्र की फी लेने वाले गुरुजन नही दीखते
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
लोगो के रसोई घर तुम्हे नही दीखते
बेढरूम पर जासूसी कैमरा लगते हो
जो दीखता हे वो बिकता हे,
फैशन परेड में सब से पास पाए जाते हो
आग से जुलसे घरों में सब से दूर नज़र आते हो
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
संसद के बाहर तुम रोज नज़र आते हो
मोहल्ले की गन्दी नालियां तुम्हे दिखाई नही देती
जो दीखता हे वो बिकता हे,
अब तो पेशा भी बदल गया ,
कहने को पॉवर ब्रोकिंग ,
और दलाली में
किसी कोर्परेट की डायरेक्टरी
जो दीखता हे वो बिकता हे
चुम्बन
बहुत रोचक जानकारी
सोचा उनेह बता दु,
जो उदास हे
पतले होंठे
इंजेक्शन लगाइए
रसीले मोटे हो जायेंगे
छह महा तक असर रहेगा
चुम्बन की दिशा में
कारगर कदम
मिशन से जुड़े सभी डॉक्टर रिसर्च वालों
बधाई
Thursday, October 2, 2008
आउटडेटेड
चोर , सिपाही के खेल में
कम से कम कितने लोग होने चाहिए
मेने कहा दो
बोला आप आउटडेटेड हो
कम से कम तीन
टीवी चॅनल वाला
तो नेसेसिटी हे इस खेल में
बापू
जगह के हिसाब से बिकता हे
बापू की आढ़ में
इनका चेहरा दिखता
ये लोकतंत्र के रहनुमा हे
इन्हे पहचानो
यह थाने में ,मयखाने में
सर्वत्र व्याप्त हे
बापू के नाम की रोज खाते हे
लूट में इनकी हिसे दारी हे
विज्ञापन इनका पेशा हे
यह अब हर जगह नज़र आयेंगे
तुम सिर्फ़ ये याद रखना
बदलना हो वयवस्था
तो इन्हे साथ मत रखना
बस बापू की तस्वीर काफी हे
सच्चाई अभी बाकी हे ...........
इशिलिये आज भी हम बापू को याद करते हे
Wednesday, October 1, 2008
शुभकामनाये
शत शत मेरा प्रणाम
नित नित नव सृजन का
करते नव भारत का निर्माण
सब के अपने रंग
सब के अपने ढंग
सब की अपनी काया
सब की अपनी माया
फेला हर तरफ़ विषाद
अपराध आतंक से भयभीत
चारों तरफ समाज
नवरात्र के पावन बेला में
करे हम नया सूधार
टिप्पणियों का मोह छोड़
लिखे रोज नया विचार
शुभकामनाये
नवरात्र शुभ हो
रावन दहन जरुर बचों को दिखाएँ
Monday, September 29, 2008
सेंसेक्स गिर रहा हे
विश्व बाज़ार में आर्थिक सुनामी
यु स सीनेट में बैल आउट खारिज
टेकनिकली बाज़ार ओवर सोल्ड हे
मैंने सोचा फंडामेंटली क्या हो रहा हे
कुछ तो गणित होगा
तो मेने नया फार्मूला इजाद किया
क्या आप लोग सहमत हे
सेंस समानुपात सेक्स
इसलिए सेंस = के सेक्स
जहाँ के कोंनसटेंट
नॉट वोलाटाइल,
जब सेंस बढ़ता हे
बाज़ार बड़ता हे
और जब सेक्स बड़ता हे
बाज़ार गिरता हे
मार्केट का मूड
बीबी या प्रेमिका जैसा हे
जैसा सोचो होता नही
Sunday, September 28, 2008
फैशन परेड
फैशन परेड होगी
डिजाइनर चिंदी लपेटे हसिनाये ,
मुस्कुरायेंगी , ये दूम हिलाएंगे
रैंप पैर डांस भी होगा
जनता से रोमांस भी होगा
कसमे वादे प्यार बफाये
नाटक का मचन होगा
फिर ये सेलेक्ट हो जायेंगे
हसिनायो के साथ रैंप पैर आयेंगे
और हम जीभ निकाल, नगे,
दुम हिलाते नज़र आयेंगे
Saturday, September 27, 2008
सियार
दिल का जीर्णओधार कराना
होगा कम्भखत पसीजता ही नही ,
मासूमो की मोंत ,
अब सिर्फ़ ख़बर हो गई
तंत्र नगर वधुओ के हवाले
हमे शर्म नही आती
सुबह की चाय
पेपर की चुस्की
मोंत का तांडव
लोकतंत्र के पॉँच पांडव
ये डरपोक हे,
सियार,
अब शहर आने लगे हे
कृष्ण का सुदर्शन
अब जरुरी हे
उठो मिटा दो
नोक -झोख
स्वस्थ रहेने के लिए
सुबह, टहला करो पार्क में,
पत्नी बोली
तुम मत बहकाना,
डार्क में,
पति ने कहा,
वादा रहा सनम,
पत्नी
नही जी पाएंगे हम,
नोक -झोख में जिंदगी,
यु ही गुजरती हे
,तुम काले कोट को,
पैमाना मत बनाओ
बिखेर तिनको को समेटो,
घोंसला बनाओ
Thursday, September 25, 2008
मोर्निंग वाक
कामायनी ,
गज गामिनी,
कपोल हंसिनी,
अधरों पर अरुणिमा ,
संग में काला कलूटा.
हमने पुछा,
मोर्निंग वाक कर रही हैं ?
वो मुस्कुराया ,
आदमी की जात
हमसे भी बदतर हे,
ये हसीनाओं के पीछे
और हसीनाएं हमारे पीछे घुमती हैं
Wednesday, September 24, 2008
लड़का या लड़की .
पाश इलाके में फ्री
गरीब बस्तियों में प्रीमियम लगेगा,
नीचे लिखा था शर्तें लागु .
विज्ञापन देख हमारा माथा ठनका ,
हमने तुरुंत, ब्रोकर को फ़ोन लगाया ,
वो बोला ,क्या सेवा चाहेए
हमने कहा जब फ्री में उपलब्ध हे , प्रीमियम कोंन देगा .....
उधर से आवाज़
आई विज्ञापन पूरा नही पढ़ा ,
शर्तें लागु हे ....
पाश इलाके में नो माह
बाद चैक मिलेगा,
और प्रीमियम में,
लड़का या लड़की .
Monday, September 22, 2008
आतंकवादी
ना वो फ़ुटा
ना मेरा जीवन से
नाता छूटा
कंधे पर हाथ रख हमने पूछा
मुख्य धारा मे आ रहे हो ?
बोला-
हम दल बदलू नही हैं
इस बार की गलती माफ़
अगली बार आपका पत्ता साफ़
शायद परचेज डिपार्टमेन्ट मे कुछ गड बड है
केरोसीन
ओपन मार्केट की जगह
राशन की दुकान से आया है !
Thursday, September 18, 2008
चुनाव
ये टेड़े खड़े हो जाते हैं !
जन्म से तो हैं वफादार
पर संगत में बिगड़ जाते हैं !
अब मौसम भी आ रहा है
झुंड के झुंड में नजर आयेंगे !
जिसकी भी स्किल (skill) होगी
वो कर्मवीर पा जायेगा !
कुछ फेयर हैं कुछ लवली
किसकी किस्मत में बन्टी और बबली
ये तो वक्त बताएगा ताऊ !!
पर लोकतंत्र हमेशा मुस्कराएगा
Monday, September 1, 2008
Saturday, August 30, 2008
Friday, August 29, 2008
five star
one day i gone to the hotel and i saw amazing info board
for mentally sound male
for mentally sound female
i just asked to the waiter,
dear on bathroom what u have written
he replied this is five star hotel u middle class, high profile dignities and creame of society of all walks of life used to come
Thursday, August 28, 2008
नैनों टाटा
पप्पु कान्ट डान्स साला
फ़िर अगली पन्क्ति
पटियाला पैग लगा के मैं टल्ली हो गई
मैने पूछा ये क्या बोल रहे हो ?
कहने लगा बालीवुड सान्ग्स हैं
रास्ते मे मेरा मित्र बुद्धु मिला
मैने पूछा तुम्हारे नैनों मे दर्द दिख रहा है दोस्त
कहने लगा ममता का आंचल नैनों को नम कर देता है
इन बंधुओं ने अर्थ-व्यवस्था को टल्ली कर रखा है
राजनैतिक विदुषक रोज नया फ़लसफ़ा ला रहे हैं
लगता है पोलियो के टीके के वितरण मे कहीं भ्रष्टाचार है
जनता जनार्दन डान्स कर रही है
पर मेरा पप्पू जो चाहता भी है
पर कांट डांस
और अन्त मे दुष्यन्त कुमार के शब्द
समाज उनका भी अपराध लिखेगा
जो तटस्थ हैं ।
Wednesday, August 27, 2008
दुम
चुनावी समर में जब ये दम हिलाते हैं
बड़े खुबसूरत नजर आते हैं
माँ बहनों पर भौकनां तो दूर
ये अदब से खड़े हो जाते हैं
कायनात का करिश्मा कहिये
सूंघकर सही दूकान पहुँच जाते हैं
रहनुमाओं के लिए चन्दा
तुंरत इक्क्ठ्ठा कर पाते हैं
मौसम की तरह ये भी बेवफा हैं
लोकतंत्र को ये बहुत भाते हैं
ख़त्म होते ही चुनाव
सारे शहर को काटने लग जाते हैं
प्रकृति का नियम सरल है
दर बदर भटकते मौत को पाते हैं
वक्त बेरहम है दोस्त
पट्टा डालो तभी ये कंट्रोल में आते हैं
Monday, August 25, 2008
Democracy
Thursday, April 17, 2008
mindset
what i feel kids are smarter to read between the lines i.e. if i ask my son see if u right properly i will buy chocklate for u the moment he hear he reply can i buy chocklate from that store and next as i said papa he is not writing daily but he is getting same the compraison the kid does is nothing but between the lines