विभीषण भेद बता भी दे
तो भी रावन नही मरेगा
मिली जुली सरकार का
राम क्या युद्ध करेगा
भरत अब पादुका नही
सुपारी दे के बेठा हे
रावण से नही मरा
तो लछमन के हाथो तरेगा
ये कलयुग का रावन हे
सतयुग के राम से कैसे मरेगा
कलयुग में रावन
मेघनाथ के हाथों मरेगा
लेखक को जानिये - अनुराग शर्मा के कुछ और साक्षात्कार
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9 जुलाई 2019 को प्रकाशित साक्षात्कार-वार्ताओं की शृंखला में कुछ और विडियो
यहाँ प्रस्तुत हैं।
*विडियो Video*
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*अनुराग शर्मा क...
1 week ago
12 comments:
ये कलयुग का रावन हे
सतयुग के राम से कैसे मरेगा
कलयुग में रावन
मेघनाथ के हाथों मरेगा
बहुत अच्छे मकरंद सर ! दशहरे की शुभकामनाएं !
भाई जहां मन्थरा रानी हो,हनुमान राजा हो,मेघनाथ विदेश मत्री हो,वहा तो राबण नही राम ही मरेगा ओर वो रोज मरेगा,बहुत सुन्दर इस मिली जुली राम लीला मे सब राक्षश ही भरे है.
धन्यवाद
बहुत बढीया लीखे हैं।
आज भाई ही भाई को मार रहा है।
भरत अब पादुका नही
सुपारी दे के बेठा हे
रावण से नही मरा
तो लछमन के हाथो तरेगा
"what a good composition on kalyug's ramayan, its really fantastic and creative'
regards
'
acha hai. kalyug ki to yahi kahani hai
wah makarand
wah bahut khoob janab
bahut badhiya likha ha
sach mein ravan shayad ab nahi marega.
yeh kalyug ka ravan hai
satyug ke ram se kaise marega
wah
.
इस बेबाकी के क्या कहने ?
ख़्वामख़्याली से आगे देखने को मज़बूर करती पोस्ट !
मजेदार सुंदर कविता बहुत बढिया तुलना के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपके मेरे ब्लॉग पर पधारने का धन्यबाद कृपया पुन: पधारे मेरी नई रचना मुंबई उनके बाप की पढने हेतु सादर आमंत्रण
बहुत सुन्दर रामायण लिखी है। बधाई।
bahut satik rachana ki hai aapne. bhut sundar. likhate rhe.
वाहवा..
जमाये रखो..
अच्छी रचना..
सटीक व सामयिक..
यथा नाम तथा गुण /आपकी लिखी दो लाइन दे मध्य जो रिक्त स्थान होता है उसे पढ़ना पढता है /इसी लिए आपने ""बिटवीन द लाइन नाम रखा है ब्लॉग का /भारत बाली बात भी अच्छी लिखी है / "" मैंने माना कि तीर सारे दुश्मनों के चलाए हुए है ,मगर जितने ठिकाने है सारे दोस्तों के बताये हुए है "" भावः भी अच्छा है व्यग्य भी है /सुंदर
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