हमारी सुरक्षा मजबूत हे
तभी तो जहाज साबुत हे
बिना रडार काम चलता हे
लोकतंत्र में भ्रष्टाचार सब तरफ मुमकिन हे
सब समुद्री नमक के शोकिन हे
आप में हो हिम्मत तो सड़क पर चल कर दिखाइए
पर समुन्दर में बे रोक टोक चले आइये
नाव में जो मज्जा
वो विदेशी बोट में कहाँ ?
खरीदी हे मगर
वो जोश हैं कहाँ ?
आइये नमन करें
वंदन करें
हमारी आजादी सुरक्षित हे
बेगाने इस शहर में
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(अनुराग शर्मा)
बाग़-बगीचे, ताल-तलैया
लहड़ू, इक्का, नाव ले गये
घर, आंगन, ओसारे सारे
खेत, चौपालें, गाँव ले गये
कुत्ते, घोड़ा, गाय, बकरियाँ
पीपल, बरगद छाँव ...
9 months ago