बंद एसी कमरे में
चिंतन धीर गम्भीर
बाहर खड़े candidate
हो रहे अधीर
किराये पर बुलाये
दिखा रहे आँखे
छुटभहिये नेता
इधर उधर झांके
सफ़ेद पोशो की आड़ में
नगर वधुओं की टोली
मचा हुआ घमासान
जबरन चंदा वसूली
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
लेखक को जानिये - अनुराग शर्मा के कुछ और साक्षात्कार
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9 जुलाई 2019 को प्रकाशित साक्षात्कार-वार्ताओं की शृंखला में कुछ और विडियो
यहाँ प्रस्तुत हैं।
*विडियो Video*
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*अनुराग शर्मा क...
1 week ago
12 comments:
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
बधाई मकरंद सर छा गए !
हां हां हां भूतनाथ चुनाव नही लडेगा ! हमारे ऊपर भी एक कविता लिखो नाश्ते में ! :) भूख लगी है !
बधाई मकरंद जी वर्तमान (कु)राजनीति का यथार्थ चित्रण
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
मकरंद भाई , अच्छी उतारी आपने सफेदपोशों की ....आपके व्यंग का टशन बरक़रार रहे यही शुभकामना है !!!!!
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
मकरंद भाई , अच्छी उतारी आपने सफेदपोशों की ....आपके व्यंग का टशन बरक़रार रहे यही शुभकामना है !!!!!
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
बहुत ही सुंदर
धन्यवाद
अच्छा लिखा है। अभी कुछ ही कविताएँ पढ़ पाई हूँ। विषय वस्तु का चुनाव बढ़िया है। एक बात जो परेशान कर रही है वह है वर्तनी की अशुद्धियाँ । क्षमा कीजिए, परन्तु न चाहते हुए भी ध्यान उस ओर चला जाता है। आशा है आप अन्यथा न लेंगे।
घुघूती बासूती
किराये पर बुलाये
दिखा रहे आँखे
छुटभहिये नेता
इधर उधर झांके
badhiya rachana . dhanyawaad.
इनकी तो दुकान चलती रहेगी। खूब कही।
किराये पर बुलाये
दिखा रहे आँखे
छुटभहिये नेता
इधर उधर झांके
vah bhai bahut badhiya . dhamaal machati achchi post hai . padhakar achcha laga. likhate rahiye. dhanyawad.
चुनावी नाटक के पहले के दृश्य का यथार्थ विवरण। बहुत सुंदर।
मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे
"ha ha ha ha ha ye to vo walee baat huee, charon ungleeyan ghee mey or sir kdaee mey.... good expressions"
Regards
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