इश्क का पेस मेकर हम्रारे दिल को लगा
सालों पुराना कंघा सर पर चला
बचे खुचे लाइन में लगाये
खुशबु बिखेरते हम बस स्टैंड पर नज़र आए
वो कार से आई
बोली गेट इन hurry up dear
हम पलक झपकते कार
में समां गए
उसने जुल्फों को दिया झटका
और एक सवाल पटका
लिव इन के बारे में
क्या ख्याल हे तुम्हारा
हमने कहा लिव इन ,
आम बात हे हमारे लिए
हर बार वादा करते हे
पॉँच साल इंतजार करते
वादों के सेलाब में
पिछले छह दशकों से
कई फ्रेम पर लटक गए
ये हमारे इश्क का जूनून हे
तुम्हारे प्यार में हमारा वादा रहा
इंतजार इश्क का गहना हे
हम तो लाइव रहेंगे
और तुम लिव इन
लेखक को जानिये - अनुराग शर्मा के कुछ और साक्षात्कार
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9 जुलाई 2019 को प्रकाशित साक्षात्कार-वार्ताओं की शृंखला में कुछ और विडियो
यहाँ प्रस्तुत हैं।
*विडियो Video*
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*अनुराग शर्मा क...
1 week ago
15 comments:
हमने कहा लिव इन ,
आम बात हे हमारे लिए
हर बार वादा करते हे
पॉँच साल इंतजार करते
bahut sundar
बहुत बढिया।
वादों के सेलाब में
पिछले छह दशकों से
कई फ्रेम पर लटक गए
ये हमारे इश्क का जूनून हे
bahut badhiya bhai likhate rahiye. shubhakamanaye .
वादों के सैलाब में
पिछले छह दशकों से
कई फ्रेम पर लटक गए
ये हमारे इश्क का जूनून है
आप चतुराई से बात कह गए। अच्छा निशाना। शुभकामना।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
लिव इन .....
यह है क्या??? लिव आऊट भी तो होगा फ़िर क्या होगा??
एक सुन्दर कविता के लिये धन्यवाद
"...हम तो लाइव रहेंगे
और तुम लिव इन "
अतिसुन्दर !!!
bahut hi aache ..mai to deevana ho gayaa aapli rachanavo ka
samay nikal kar hamari rachanao par padhare
उसने जुल्फों को दिया झटका
और एक सवाल पटका
लिव इन के बारे में
क्या ख्याल हे तुम्हारा
बहुत अच्छे मकरंद सर !
bahut badhiyaa makrand ji,shaandar rachna hai.......
apni lekhni ko khud hi kam na kahe,
ye to saraswati ka apmaan hoga
saraswati maa shabdon ke dhan ke saath hain ,yah bahut badee baat hai
Bahut khub.
ये कलयुग का रावन हे
सतयुग के राम से कैसे मरेगा
कलयुग में रावन
मेघनाथ के हाथों मरेगा
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तुम्हारे प्यार में हमारा वादा रहा
इंतजार इश्क का गहना हे
हम तो लाइव रहेंगे
और तुम लिव इन
आपकी दोनों कविताओं को पढ़ा, ऐसा नहीं है कि रावण वाली कविता नहीं पढी थी पर ज़रा दोसरे झमेलों में फंस गया था............ब्लॉग पर आया था कुछ और करने लग गया कुछ और करने इसी से काम की जगहों पर जाना तो हुआ अपनी उपस्थिति न दिखा सके, माफ़ करिएगा.
दोनों कवितायें बड़े तीखे व्यंग्य करती दिखाती हैं,
मेरी भी कविता है इस रिलेशन को लेकर पढने को मिलेगी. बधाई लिखते रहिये.
तुम्हारे प्यार में हमारा वादा रहा
इंतजार इश्क का गहना हे
हम तो लाइव रहेंगे
और तुम लिव इन
' ha ha ha ha ha mind blowing creations, excellent presentation'
Regards
बहुत खूब मकरंद जी...
इधर कभी आना नहीं हुआ था...बिखरे पड़े़ हैं यहां भी रंग...पहुंचाने का शु्क्रिया...
होता रहेगा आना...
जैजै ..
इश्क़ का पेसमेकर कुछ नयी बात कानों में गयी तो, मज़ेदार और सार्थक...
accha rang bikhraayaa hai! likhte rahiye!
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