Thursday, October 16, 2008

करवा चोथ और आइना

करवा चोथ
सूरज नही
चाँद का महत्व हे
परिवर्तन संसार का नियम हे

लिव इन का जमाना हे
सीधे मत देखो
ख़ुद पे भरोसा कम हे
आइना जरूरी हे

हर अंतरंग रिश्ता
अब बाज़ारों में बिकता हे
तीज त्यौहार की
अब ये मजबूरी हे

14 comments:

seema gupta said...

हर अंतरंग रिश्ता
अब बाज़ारों में बिकता हे
तीज त्यौहार की
अब ये मजबूरी हे
'what to say, a critical truth of the day..."

regards

भूतनाथ said...

करवा चोथ
सूरज नही
चाँद का महत्व हे
परिवर्तन संसार का नियम हे
बहुत सुंदर !

दीपक "तिवारी साहब" said...

bahut achchhe !

ताऊ रामपुरिया said...

हर अंतरंग रिश्ता
अब बाज़ारों में बिकता हे

बहुत बढिया लिखा मकरंद सर ! सामयिक भी है !!!

Shuaib said...

बढ़िया।

http://shuaib.in/chittha

विवेक सिंह said...

बहुत सुंदर !

रश्मि प्रभा... said...

परिवर्तन संसार का नियम हे.....mukhya baat yahi hai

योगेन्द्र मौदगिल said...

ख़ुद पे भरोसा कम हे
आइना जरूरी हे

khoobsurat
badhai.......

प्रदीप मानोरिया said...

सच ही है त्यौहार अब तो मजबूरी से लगते हैं सार्थक चिंतन ..

sarita argarey said...

समय का खेला है
त्योहारों का मेला है
फ़िर भी भीड में
हर कोई अकेला है
ब्लाग ये निराला है
हर दिल जीतने वाला है ।

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

कम पंक्तियों में ज्यादा कह दिया आपने...।
...यही विडम्बना हमारे जीवन को कौतूहल का विषय बना कर रखती है।

Anonymous said...

क्या बात है … त्यौहार को भी लपेटे में ले लिया आपने …

:) :)

BrijmohanShrivastava said...

दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय हो /सुख समृद्धि की बृद्धि हो /आपके साहित्य सृजन को देश -विदेश के साहित्यकारों द्वारा सराहा जावे /आप साहित्य सृजन की तपश्चर्या कर सरस्वत्याराधन करते रहें /आपकी रचनाएं जन मानस के अन्तकरण को झंकृत करती रहे और उनके अंतर्मन में स्थान बनाती रहें /आपकी काव्य संरचना बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय हो ,लोक कल्याण व राष्ट्रहित में हो यही प्रार्थना में ईश्वर से करता हूँ ""पढने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ कर जाओ ""

Parul kanani said...

bahut bahut sundar sir!!