Wednesday, December 31, 2008

पत्नी की डांट और नव वर्ष की सुबह

तेरी स्याह जुल्फों में ढली शाम
आफताब की नव किरणों ने दस्तक बंद पलकों पर
नव उल्लास नव वर्ष
वो शरमाई , मुस्कुरायी
तड़फ से जो हमने थामा उसका हाथ
पड़ी डांट
बच्चे बड़े हो गए हे
चाय पी लो
सपने में भी जब हाथ थामोगे,
मेरा होगा
ख्वाबों की फ्रेम तुम रोज बदलते हो
पर तस्वीर मेरी ही रहेगी
सात जन्मो का ठेका हे प्यारे
तन्हाई के मजे तो सात फेरे लेते ही खत्म हो जाते हे
तुम्हारे जेसे भंवरे भूख लगते ही घर आते हे
और रहा इश्क का सवाल
तुम्हे नींद तो मेरी बाहोँ में आती हे
माशूका ठण्ड गुजरते ही पिघल जाती हे

12 comments:

समयचक्र said...

अच्छा लिखा हैं ... जी,
नववर्ष की हार्दिक ढेरो शुभकामना . नया साल ढेरो खुशियाँ लेकर आये .

राज भाटिय़ा said...

नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
धन्यवाद

sarita argarey said...

नए साल की शुरुआत डांट से .... ये अच्छी बात नहीं है । गिले शिकवे भुलाकर अंग्रेज़ी साल के पहले सूरज का अभिवादन करें । नए साल की मुबारकबाद ।

Anonymous said...

लगता है डाँट के खवाब ही देखते हैं आप:-)

आपको, आपके परिवार को पाश्चात्य नववर्ष 2009 की शुभकामनायें

Unknown said...

नया साल आए बन के उजाला
खुल जाए आपकी किस्मत का ताला|
चाँद तारे भी आप पर ही रौशनी डाले
हमेशा आप पे रहे मेहरबान उपरवाला ||

नूतन वर्ष मंगलमय हो |

नीरज गोस्वामी said...

बहुत खूब भाई....शानदार रचना...वाह...
नव वर्ष की शुभ कामनाएं
नीरज

ताऊ रामपुरिया said...

नये साल की घणी रामराम मकरंद सर!

प्रदीप मानोरिया said...

नव वर्ष में वंदन नया ,
उल्लास नव आशा नई |
हो भोर नव आभा नई,
रवि तेज नव ऊर्जा नई |
विश्वास नव उत्साह नव,
नव चेतना उमंग नई |
विस्मृत जो बीती बात है ,
संकल्प नव परनती नई |
है भावना परिद्रश्य बदले ,
अनुभूति नव हो सुखमई |

Dr. Nazar Mahmood said...

नववर्ष की हार्दिक शुभकामना

prashant said...

अच्छा लिखते हो प्यारे

prashant said...

अच्छा लिखते हो प्यारे

!!अक्षय-मन!! said...

ख्वाबों की फ्रेम तुम रोज बदलते हो
पर तस्वीर मेरी ही रहेगी
ख्वाबों की फ्रेम तुम रोज बदलते हो
पर तस्वीर मेरी ही रहेगी
खुबसूरत पंक्तियाँ,बहुत अच्छे से ढाला है जन्मो-जन्मान्तर के इस अटूट बंधन को रोमांचक एहसास की अनुभूति
बहुत अच्छा लिखा है



अक्षय-मन