बिना खाए पत्नी का ताना
हजम नही होता पति को खाना
देखकर इस महीने का किराना
हम ने पुछा
ये इंतनी वेराइटी की मोमबत्तियां !
इतने पोस्टर कलर और पेपर
क्या बच्चों के स्कूल में
प्रोजेक्ट के लिए लाया हे
बोली तुम
ठहरे दीया छाप ,
सामाजिक सरोकार तो मुझे निभाने हे
हर occassion पर क्या पहले बाज़ार जायुंगी !
कालोनी में पॉँच छे पके आम
हॉस्पिटल में हे
कम से कम दो तीन मोमबत्तियां
अभी लग जाएँगी
12 comments:
बेहतरीन रचना...
पर निचे वाली ""चिटठा जगत से जुगाड़ व्यंग की "" और भी शानदार...
bahut hi badhiyaa
कालोनी में पॉँच छे पके आम
हॉस्पिटल में हे
कम से कम दो तीन मोमबत्तियां
अभी लग जाएँगी
बहुत जोरदार मकरंद सर !
रामराम !
जै राम जी की भाई........ चोक्खी कविता..
क्या बात है!! बहुत बढ़िया!!
waah ! sundar vyangya
जबरदस्त संवेदना तो नहीं, जबरदस्त बजटिंग जरूर है। महीने की किराने की लिस्ट बनाना वाकई दूरंदेशी का काम है! :)
bahut hi badhiya:);)
बोली तुम
ठहरे दीया छाप ,
सामाजिक सरोकार तो मुझे निभाने हे
" mind blowing"
Regards
कालोनी में पॉँच छे पके आम
हॉस्पिटल में हे
वाह क्या बात है,
हंसी रुके तो आप को टिपण्णी दुं
धन्यवाद
बेहतरीन रचना...बधाईयाँ !
बहुत खूब मकरंद जी.
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