सभी ब्लॉग धारियों को
शत शत मेरा प्रणाम
नित नित नव सृजन का
करते नव भारत का निर्माण
सब के अपने रंग
सब के अपने ढंग
सब की अपनी काया
सब की अपनी माया
फेला हर तरफ़ विषाद
अपराध आतंक से भयभीत
चारों तरफ समाज
नवरात्र के पावन बेला में
करे हम नया सूधार
टिप्पणियों का मोह छोड़
लिखे रोज नया विचार
शुभकामनाये
नवरात्र शुभ हो
रावन दहन जरुर बचों को दिखाएँ
चिमनी और चंदा
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चिमनी से निकला धुआँ, चंदा सा आकार,
आँख से मानो बह चलीं, यादें बारंबार।
जैसे तूने छोड़ी थीं, ये राहें उस दिन मौन,
वैसे ही चुप चाँदनी, कहे-सुने अब कौन।
नीला...
6 hours ago