मोर्निंग वाक् पर हाथ में
काला बांस
सर पर उगी थोडीसी
सफ़ेद घास,
लम्बी गाड़ी के
इर्द गिर्द
चक्कर
लगा रहे थे ,
कान में काला यन्त्र
शिदत से चिपका था
और कुछ
बढ़ बढ़ा रहे थे ,
पास में एक मरियल
कांप रहा था
साथ में अच्छी नस्ल का वेल एजूकेटेद
हांफ रहा था
रोचक दृश्य देख कर
हम ने पुछा
माजरा क्या है
बोले ,
यह यन्त्र मोबाइल नही
रिसीवर है
मेरी बीबी सो रही है
उसकी खराटे सुन रहा हु ,
हमने पुछा क्या मतलब ?
बोले जवानी में मिली नही
फिर खूब मेहेनत कर कमाया
फिर इस कमसिन को
खरीद कर लाया ,
जेसे ही खर्राटे बंद होंगे
हम तुंरत घर होंगे
में चाय बनाऊंगा
ये दोनो मेरी बीबी के गुलाम हे
एक सस्ते में
एक महंगे में आया हे
ये कांपने वाला झाडू पोंछा
बर्तन करेगा
हांफने वाला उसकी गोद में
आराम करेगा .
दोस्तों ये रचना का सार हे,
कन्या भूर्ण की हत्या मत कीजिये
एक के तीन से बेहतर हे
तीनो में एका रहे
पति पत्नी और बच्चा
चिमनी और चंदा
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चिमनी से निकला धुआँ, चंदा सा आकार,
आँख से मानो बह चलीं, यादें बारंबार।
जैसे तूने छोड़ी थीं, ये राहें उस दिन मौन,
वैसे ही चुप चाँदनी, कहे-सुने अब कौन।
नीला...
6 hours ago