फार्म भरा
स्टेशन पर पिटे भी
परीक्षा नही दी
मुआवजा मिला सो अलग
हमने भी दिया
इश्क का इम्तिहान
आज तक
मुआवजा भर रहे हें
जमाना बदल रहा हे
नफरत का दावानल बढ़ रहा हे
लपेटे में सबसे पहले आती हे जवानी
डालो इश्क का ठंडा पानी
चिमनी और चंदा
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चिमनी से निकला धुआँ, चंदा सा आकार,
आँख से मानो बह चलीं, यादें बारंबार।
जैसे तूने छोड़ी थीं, ये राहें उस दिन मौन,
वैसे ही चुप चाँदनी, कहे-सुने अब कौन।
नीला...
6 hours ago