तुमने मुझे मारकर
अनमोल कर दिया
वरना ये तो घर पर
रोज जूते खाता हे ,
सामजिक बदनाम
हम पहले से थे
तुमने मुझे मारकर
ग्लोबल चमका दिया,
सभ्य समाज में जूतम पैजार जारी हे
आज तुम्हारी तो कल हमारी बारी हे
जूते चलाना लोकतंत्र में शामिल हे
दहेज़ के लोभियों का जूता मत चुराइए
, सिर्फ़ मारीये