आतंकवाद का जीडीपी बढ़ा
सडकों से फाइव स्टार जा पहुँचा
वार्ता जारी हे ,
सभी स्तरों पर
चैनलों पर रणनीती
फिर वही पुराने कलाकार
माइक पर रहे चिंघाड़
आतंकवादी बातचीत को तैयार
मेहमान मेरे घर में मारा गया
मेरे अपने का सर से साया गया
लोकतंत्र के रहनुमाओं
इस समाज को जनखा मत बनाओ
वक्त कठिन है
निर्णय की घड़ी है
मत एक दुसरे पर इल्जाम लगाओ
आजादी की तस्वीर पर माला मत चढाओ
उलटबाँसी सूरज की
-
*(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा)*
सुबह के सूरज की तो
शान ही अलग है
ऊँचे लम्बे पेड़ों पर
शाम की बुढ़ाती धूप भी
देर तक रहती है मेहरबान
उपेक्षित करके छोटे पौधों...
1 week ago







7 comments:
मेहमान मेरे घर में मारा गया
मेरे अपने का सर से साया गया
लोकतंत्र के रहनुमाओं
इस समाज को जनखा मत बनाओ
बिल्कुल सटीक और सामयीक रचना ! शहीदों को श्रन्द्धान्जली !
रामराम !
वक्त कठिन है
निर्णय की घड़ी है
मत एक दुसरे पर इल्जाम लगाओ
आजादी की तस्वीर पर माला मत चढाओ
" " सच कहा, ये इल्जाम लगाने की नही एक जुट होकर साथ देने की और निर्णय लेने की घडी है... "
Regards
मैंने मरने के लिए रिश्वत ली है ,मरने के लिए घूस ली है ????
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
आप पढना और ये बात लोगो तक पहुंचानी जरुरी है ,,,,,
उन सैनिकों के साहस के लिए बलिदान और समर्पण के लिए देश की हमारी रक्षा के लिए जो बिना किसी स्वार्थ से बिना मतलब के हमारे लिए जान तक दे देते हैं
अक्षय-मन
हार्दिक श्रद्धांजली मेरे उन शहीद भाईयो के लिये जो हमारी ओर हमारे देश की आबरु की रक्षा करते शहीद हो गये।लेकिन मन मै नफ़रत ओर गुस्सा अपनी निकाम्मी सरकार के लिये
देश के लिये जो वीर शहीद हुये उन्हें नमन और विनम्र श्रध्दांजली!
मेहमान मेरे घर में मारा गया
मेरे अपने का सर से साया गया
लोकतंत्र के रहनुमाओं
इस समाज को जनखा मत बनाओ.
Shidon ke balidan ko shadhanjali....
Great Poem....
Regards
वक्त कठिन है
निर्णय की घड़ी है
मत एक दुसरे पर इल्जाम लगाओ
आजादी की तस्वीर पर माला मत चढाओ
बिलकुल सही
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