ब्लोगधारी और ब्लॉग
रोटी संग साग
टिपण्णी ठंडा पानी
निरंतर चलती कहानी
सबके अपने फलसफे
सबकी अपनी अदा
खट्टी मीठी नोक झोंक
पर रिश्ता सबसे सदा
इश्क और मासूका
लोकतंत्र और नेता
समाज के हर पहलू पर
चलती हे इनकी वाणी
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
चिमनी और चंदा
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चिमनी से निकला धुआँ, चंदा सा आकार,
आँख से मानो बह चलीं, यादें बारंबार।
जैसे तूने छोड़ी थीं, ये राहें उस दिन मौन,
वैसे ही चुप चाँदनी, कहे-सुने अब कौन।
नीला...
6 hours ago