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Monday, October 6, 2008

आर्थिक मंदी और अध्यात्म

आर्थिक मंदी के चलते
विश्व हुआ बेहाल
सभी उधोगों के शेयर
थक कर हुए निडाल

अध्यात्म की कम्पनियो का धंधा
हुआ चोगुना
विदेशी मुद्रा भी कमाई
दलालों का इनवेस्टमेंट दुगना

कथावाचक दे रहे अब
ज्योतिष की सीख
अन्धविश्वास के नाम पर
खीचे लाखों की भीड़

सभी धंदे त्रस्त हे
पर यहाँ सभी प्रोडक्ट मस्त हे
उद्योगों को आ रहा पसीना
इनके एयरकंडीशनर का बजट दुगुना

फिल्मी गीतों की तर्ज पर
होती भगवान से प्रीत
शाम डालते मंच पर
होती सोशललाइट ओं की भीड़

लोकतंत्र की जननी
शत शत तुझे प्रणाम
श्रधा के अद्धे पर
सभी भक्त कुर्बान