सामजिक पीकदान
के कारण,
कई अभिलाषाएं , कई प्रतिभाएं ,
कुर्बान
पुरूष खोलता हे
कपडों की डोरियाँ मुस्कुराकर ,
पर जकड देता हे मन को
परम्पराओ का आइना दिखा कर
मंदी में
सामजिक व्यवस्था हे
जननी का शरीर
सबसे सस्ता हे
लेखक को जानिये - अनुराग शर्मा के कुछ और साक्षात्कार
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प्रकाशित साक्षात्कार-वार्ता, कथन-वाचन शृंखला में कुछ और साक्षात्कार यहाँ
प्रस्तुत हैं।
- 9 जुलाई 2019 को प्रकाशित साक्षात्कार शृंखला
- 3 नवम्बर को प...
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