तुम मुस्कुराते हो
हम दफ़न हो जाते हैं
स्कैम के पुतले
अमर हो जाते हैं
सारा मीडिया तुमाहरे पीछे
ठगा हुआ सा कल हमारे आगे
तुम राजा हम रंक
हँसते हँसते झेल रहे
नागिन के डंक
लोकतंत्र में नाग
फन फैलाये
कोई बदनाम हो
किसी को जवानी आये
प्याज के छिलके उतर रहे हैं
सुना हे सबके पते
नगर वधु की डायरी में मिल रहे हैं
हवा में फरमाया गया इश्क
वो भी पकड़ा गया
अब तो डीएनए की जांच जरुरी हे
बुढा पे ये नई मजबूरी हे
पटरी पर समझोते हो रहे हैं
सड़क पर नवजात छोड़े जा रहे हैं
हवाई जहाज हिचकोले खा रहे हैं
वर्त्तमान मुस्कुरा रहा हे
भविष्य दफ़न हो रहा हैं
खालीपन
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नये पहाड़ चढ़ते हैं
सपाट पगडंडियों से
जो थक चुके हैं
नये व्यंजन पकाते है वे
जो पुरानों से पक चुके हैं
***
जो खुश हैं यथास्थिति से
उन्हें कुछ कमी नहीं
वे कभी...
1 week ago