तुम मुस्कुराते हो
हम दफ़न हो जाते हैं
स्कैम के पुतले
अमर हो जाते हैं
सारा मीडिया तुमाहरे पीछे
ठगा हुआ सा कल हमारे आगे
तुम राजा हम रंक
हँसते हँसते झेल रहे
नागिन के डंक
लोकतंत्र में नाग
फन फैलाये
कोई बदनाम हो
किसी को जवानी आये
प्याज के छिलके उतर रहे हैं
सुना हे सबके पते
नगर वधु की डायरी में मिल रहे हैं
हवा में फरमाया गया इश्क
वो भी पकड़ा गया
अब तो डीएनए की जांच जरुरी हे
बुढा पे ये नई मजबूरी हे
पटरी पर समझोते हो रहे हैं
सड़क पर नवजात छोड़े जा रहे हैं
हवाई जहाज हिचकोले खा रहे हैं
वर्त्तमान मुस्कुरा रहा हे
भविष्य दफ़न हो रहा हैं
❤️ जीवन को भरपूर जिया, खुश हो कर हर पल ❤️
-
(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा)
बचपन से तूफ़ानी लहरों में उतरने लगा था,
घबराया जब भँवर में जीवन ठहरने लगा था।
लहरें दुश्मन, तैरना आता नहीं, डूबने को आया,
उस बह...
1 week ago






