Monday, March 15, 2010

हार्दिक शुभ कामनायें

नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनायें
मोहब्बत अब दिल से नहीं
दिमाग से की जाती हे
जिम्मेदारी नहीं ली जाती हे

जियो और मरने दो का फार्मूला हे

गधे एक तरफ़ा मोहब्बत करते हे
घोड़े तो अस्तबल में मोंज करते हे
जमाना बदल रहा हे
रिश्तों में भावनायों का सूरज ढल रहा हे
अब नीम के पेड काट दिए जाते हे
क्यों की सामने वाली खिड़की के बीच में आते हे

2 comments:

Amitraghat said...

बहुत बढ़िया वाकई में....और नव वर्ष की शुभकामनाएँ.........."
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com

ताऊ रामपुरिया said...

गुडी पडवा की बहुत बधाई.

रामराम.