अजब तमाशा
गजब हे खेल
दोस्ती की रेलमपेल
गिफ्ट कर रहे प्रदान
कागा गा रहे
प्यार की तान
नेटवर्किंग का जमाना हे
फोटो देखे के फ़साना हे
भोले भले फंसे रहे हे
ये सामाजिक फ्राड़ीये हंस रहे हैं
भावानायोँ की तिजारत जारी हैं
जिस्म की भूख सबसे भारी हे
❤️ जीवन को भरपूर जिया, खुश हो कर हर पल ❤️
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(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा)
बचपन से तूफ़ानी लहरों में उतरने लगा था,
घबराया जब भँवर में जीवन ठहरने लगा था।
लहरें दुश्मन, तैरना आता नहीं, डूबने को आया,
उस बह...
4 weeks ago







3 comments:
नेटवर्किंग का जमाना हे
फोटो देखे के फ़साना हे
भोले भले फंसे रहे हे
ये सामाजिक फ्राड़ीये हंस रहे हैं
वाह सरजी, लाजवाब जी.
रामराम.
कागा गा रहे
प्यार की तान
:)
मकरंद जी ये आपकी ही तस्वीर है और उम्र भी यही ......??
कविता उम्र के हिसाब से बहुत बड़ी है ......!!
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