Friday, February 12, 2010

बनियान

आदमी बनियान में
वो भी फटी
कुत्ता नेवी ब्लू स्वेटर में
कोहरे में लोकतंत्र
रसोई में सन्नाटा
पत्रिकाएँ नीला लिबास पहने
सरवे जारी हे
मनोरजन के नाम पर राजनीति जारी हे
वेलेंटाइन के कागा
बाँट रहे प्रेम का धागा
मोह्हबत में तिजारत जारी हे
शिक्षा का स्तर बढ गया हे
एड्स की सबको जानकारी हे

3 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढ़िया!!

देवेन्द्र पाण्डेय said...

अच्छी कविता है.
बालक के ब्लॉग में मुन्ने का कमेन्ट भी बढ़िया है.

देवेन्द्र पाण्डेय said...

मेरा मतलब है मुन्ने का चित्र भी अच्छा है.