Saturday, January 31, 2009

मगरमच्छ के आंसू

चमचो को चरण स्पर्श
नेताओँ को वंदन
जांच की चिता पर
लोकतंत्र का चंदन

मगरमच्छ के आंसू
एक्टिंग भी धांसू
नही मिला सुराग जमी पर
पानी का जहाज ले आए

दूम हिलाते बफादारोँ
कर्जे में डूबे राष्ट्र के कुबेरों
इतिहास तुम्हे माफ़ नही करेगा
तुम बच भी गए , आने वाली नस्ल को साफ़ करेगा

Friday, January 23, 2009

स्लम डॉग

नेता जी चाट रहे
स्लम डॉग के पाँव
चुनाव के चक्कर में
अभी से बिठा रहे दांव

चमचो ने किया जब विरोध
नेता जी ने समझाया
चाटना अभी सेवा हे
वोट मेवा हे

चुनाव बाद नीति बदल देंगे
स्लम डॉग की जगह
स्लम कैट कर देंगे
सुनते ही इतना सारे चमचे रफू चक्कर हो गए ..................

Thursday, January 22, 2009

डॉग वॉच

डॉग कर रहे कैटवाक
कैट कर रही डॉग वॉच
कुछ नया कर दिखाना हे
न जमा विजातीय
सजातीय से काम चलाना हे
लीव इन का जमाना हे
विचारों को ,
सभ्यता , संस्कृति की लगाम दो
जवानी सिर्फ़ जिस्म की परेड नही हे
बुदापा इसे भी आना हे
जिस्म की नुमाइश के लिए
कई मंडियां हे
पगडंडियाँ हे
तुम इस रेम्प को सोसाईटी मत लायो

Wednesday, January 14, 2009

आर्थिक अवैध संबंधों

आर्थिक अवैध संबंधों की
दलाली तुमने चबा ली
हरम का झूठा प्याला
निवेशकों को सरका दिया

संक्रमण से असाध्य रोग फेलता हे
ऐसा अमरीका ने बताया हे
बन्दर कोई भी हो ..............

लोकतंत्र के लकड़हारों
फिर जांच करोगे
पुरानी फाइल तो अब तक पेंडिंग हे

हे तंत्र में लिपटे परजीवियों
जो हम खाएं , तुम पीजाओ
हमारा इन्वेस्टमेंट ,
तुम्हारे लिए डिविडेंड

facevalue पर अधिकार तुम्हारा
चरमराये तो बोडी हमारी
तुम करो ऑपरेशन
मरीज की शय्या पर हम

और तो और वर्ल्ड बैंक को भी
अभी याद आई की ,
लुगाई में दोष हे ,
अब ,नयी घोडी नया दाम

तवायफ के कोठे पर
जमीर अभी जिन्दा हे
कार्पोरेट में इसे बेचना
धंधा हे

Sunday, January 11, 2009

घोटाला वीरों

घोटाला वीरों
शत शत नमन अभिन्दन
घिसने से फेल रही तुम्हारी कीर्ति
हे आईटी के चंदन

अर्थशास्त्र के कला बाजों
स्वतंत्र चाटुकारों
शेर घायल होते ही काटने लगे

तंत्र के पहलवानों
नूरा कुश्ती फिर शुरू
आर्थिक सलाह्करोँ
बताओ
अब मोटर बोट कहाँ से आयी ?

तुमने जाँच बीठा दी
लोली पॉप की खाली डंडी
हमे पकड़ा दी
भारत की आर्थिक प्रगति में अभी गटर के खुले चेम्बर और भी हें

Tuesday, January 6, 2009

हवाई विचार

मानसिक अपँग
पर चाहिए छरहरी
कपड़े तंग

आधुनिक चिंतन
हवाई मंथन

माँ का दुलार
बहन का प्यार
पत्नी का साथ
सब बकवास ........

तवायफ की अदा
हवा में सदा
मद भरी आँखे
मस्त नज़ारे

लम्बाई और वजन में
सामंजस्य होना चाहिए
तुम्हे छोड़
सब को गुलाब जामुन खाना चाहिए

Saturday, January 3, 2009

नया साल और नया ब्रांड

सभी प्रकार के कांडों में लिप्त हे सांड
अब लायो कोई नया ब्रांड,
नया साल जो आ गया
सीडी , दलाली , संसद ,रिश्वत ,
आतंक ताज ओबेराय मुंबई
ये तो पिछला साल खा गया,
ब्रांड इंडिया चमक रहा चारों और
शेयर बाज़ार बना गया अर्थशास्त्रियों को ढोर,
इस बार तो ब्यूटी को भी नही मिला भाग्य का साथ
हिरोईनों ने कर लिया बिकनी को आत्मसात,
रुपहले परदे पर कपडों की क्या बिसात
नए साल में और प्रयोग होंगे ,
इस बार तुम जो भी ब्रांड लायो
इतनी कृपा करो माँ को मत बेच खाओ