घोटाला वीरों
शत शत नमन अभिन्दन
घिसने से फेल रही तुम्हारी कीर्ति
हे आईटी के चंदन
अर्थशास्त्र के कला बाजों
स्वतंत्र चाटुकारों
शेर घायल होते ही काटने लगे
तंत्र के पहलवानों
नूरा कुश्ती फिर शुरू
आर्थिक सलाह्करोँ
बताओ
अब मोटर बोट कहाँ से आयी ?
तुमने जाँच बीठा दी
लोली पॉप की खाली डंडी
हमे पकड़ा दी
भारत की आर्थिक प्रगति में अभी गटर के खुले चेम्बर और भी हें
चिमनी और चंदा
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चिमनी से निकला धुआँ, चंदा सा आकार,
आँख से मानो बह चलीं, यादें बारंबार।
जैसे तूने छोड़ी थीं, ये राहें उस दिन मौन,
वैसे ही चुप चाँदनी, कहे-सुने अब कौन।
नीला...
8 hours ago