हवाई जहाज लेट हो गया
मोटर बोट टाइम पे आयी
लोकतंत्र के सांड
खड़े रहो अब चोराहे पे
तुम्हे तो लाल रंग से इश्क हे
चाहे लाल बत्ती हो
या खून का रंग
खड़े रहो अब चोराहे पे
वेसे भी पचास साठ साल के हो गए हो
आवारगी छोड़ो अपनी देखो ,
इधर उधर मत झांको
वरना खड़े रह जायोगे चोराहे पे
❤️ जीवन को भरपूर जिया, खुश हो कर हर पल ❤️
-
(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा)
बचपन से तूफ़ानी लहरों में उतरने लगा था,
घबराया जब भँवर में जीवन ठहरने लगा था।
लहरें दुश्मन, तैरना आता नहीं, डूबने को आया,
उस बह...
1 week ago







9 comments:
bahut satik
शुक्रिया मकरंद!
आप भी अच्छी व्यंग्य कविता लिखते हैं...
अच्छी व्यंग्य रचना!
बहुत लाजवाब मकरंद सर !
मकरंद भाई बहुत खुब .
धन्यवाद
सटीक मकरंद साब्।
Tez dhaar.
हवाई जहाज लेट हो गया
मोटर बोट टाइम पे आयी
लोकतंत्र के सांड
खड़े रहो अब चोराहे पे
" very well said"
regards
बहुत सटीक व्यंग्य
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