Wednesday, December 3, 2008

चिटठा जगत से जुगाड़ व्यंग की

चीख-चीख कर खबर बेचने वाले एँकर को देखो तो लगता है की फुटपाथ पर कोई साँडे का तेल बेच रहा हो. [17]
मुंबई स्प्रिट ??? [15]

पांच पैसे ने बचाई जान! [13]
" लुन्गाडे यार किसके ? खाए पीये और खिसके !" [13]


ताऊ का सैम और "अ" हटाकर अच्युतानंदन [11]
मय्यत में कन्धा देने को, अब्बू तक पास न आयेंगे [10]
एक दिलजले के सवाल [9]
****कोई मेरे जख्म सी दे [9]
उस्तरा किस के हाथ? [9]
आप तो जानते हैं इन नेताओं को [7]
उसे छिप छिपकर देखने की कोशिश करता हूं... [7]
वेलकम भूतनी पुत्र [7]
आग घर के ही चरागों से है इस घर मे लगी [ग़ज़ल] -


सात दिन सात पोस्ट!! [6]
मुम्बई - आतंक के बाद [6]
क्या हुस्न है क्या जमाल है ... [6]
हम स्वाभिमानी फिर से कब होंगे ? [6]
एक तो बरसाती मेंढक, दूसरा चश्माधारी, तीसरा आँख का अँधा और चौथा भोंपु [6]
क्या आप ने यह नक़्शा देखा है?
[5] पत्रकारो... तुम कहाँ हो? [5]
वह न्यूज चैनल का प्रोड्यूसर है [5]
मरी बिल्ली पर चादर [5]
मुम्बई एपिसोड और हमारा राष्‍ट्र-प्रेम : एक पहलू यह [4]
आज मनमोहन को एक जोरदार थप्पड़ जड़ा है जरदारी ने [4]
जीने और जीने में फ़र्क बहुत है...! [4]


ब्लॉग पर traffic बढ़ाएं-3 [4]
आतंकवादी [4]
A Wasp - एक ततैया [4]
लो हो गई श्रऋधांजलि पूरी : हमारा कदम [4]
इबारत [4]
टिप्पणियों में संयत भाषा का प्रयोग करें [4

15 comments:

रश्मि प्रभा... said...

adbhut,shaandaar,satik,karara.......bahut achha laga

mehek said...

bahut badhiya

रंजू भाटिया said...

बेहतरीन आइडिया लगा यह ..बहुत बढ़िया

ताऊ रामपुरिया said...

वाह भाई मकरंद सर ! लाजवाब आईडिया ढूंढ़ कर लाये आप तो !

रामराम !

Gyan Darpan said...

what an idea makrand ji

Aaditya said...

बहुत खुब..

Ashok Pandey said...

अच्‍छी प्रस्‍तुति..दिलचस्‍प।

Anil Pusadkar said...

वाट एन आईडिया सर जी।

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर कविता लिखी आप ने मेने यह हिस्सो मे पढी थी, आज एक ही जगह पढ ली , धन्यवाद :)

डा. अमर कुमार said...


वाह शानदार.. हर्र न फ़िटकरी और देखो रंग आया चोखा !

Smart Indian said...

Excellent compilation, brother!

Shastri JC Philip said...

यह एक नया प्रयोग है एवं पहली बार में सफल हो गया है.

इस विधा को आगे बढायें!!

सस्नेह -- शास्त्री

seema gupta said...

" ha ha ha great collection"

Regards

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

लेकर ब्लाग थोड़े-थोड़े,
मकरंदजी ने नाते जोड़े।

रंजना said...

waah 1 jawaab nahi aapka.bahut khoob.