Monday, December 8, 2008

पुराने शहीद

पेड़ के नीचे से जेसे ही निकले
किसी ने बालों को पकड़ कर ऊपर उठा लिया
क्यों बेटा
खिसक गई जमीन
बता में कोंन हूँ ?
हमने कहा
पुराने शहीद हो
हिंसा पर उतर आये हो ,
जबकी हम आपकी बिरादरी को बढावा दे रहे हें
चुनाव में आपका फोटो लगाया
कुर्सी पाई
अभी चोराहे पर आपका शिलान्यास कराया
और आपने बाल पकड़ कर हमे ही लटकाया
बातचीत जारी हे
आपके हित का
हमने ध्यान रखा हे
हिंदुस्तान में हरे भरे उपवनों के बीच एक VIP स्थान रखा हे

16 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

बड़े कृतघ्न हैं पुराने शहीद!:)

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत जोरदार लिखा आज तो मकरन्द सर !
वाकई गजब का ...विचार ..

seema gupta said...

अभी चोराहे पर आपका शिलान्यास कराया
और आपने बाल पकड़ कर हमे ही लटकाया
बातचीत जारी हे
आपके हित का
हमने ध्यान रखा हे
हिंदुस्तान में हरे भरे उपवनों के बीच एक VIP स्थान रखा हे
" amezing, mind blowing creation"

Regards

सौरभ कुदेशिया said...

ek dum khari bat kahin aapne

Vinay said...

पकड़ है ज़मीन पर, लेखनी पर!

महेन्द्र मिश्र said...

kuch leak se hatakar bahut hi sateek.

रश्मि प्रभा... said...

kataksh sahi hai....

राज भाटिय़ा said...

अरे वाह ! बहुत सटीक लिखा आप ने .
धन्यवाद

Smart Indian said...

हिंदुस्तान में हरे भरे उपवनों के बीच एक VIP स्थान रखा हे
इतना ध्यान तो जन-प्रतिनिधियों ने अपने जन का भी न रखा जितना शहीदों का - कभी उन्हें झूठा बना देते हैं तो कभी उन्हीं के नाम का नारा लगा कर सारे वोट ले जाते हैं.

आशीष कुमार 'अंशु' said...

MAZAA AA GAYAA

VAAH

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आज के हालत की

BrijmohanShrivastava said...

इतना करार व्यंग्य

सीमा सचदेव said...

sateek vyangaya kiya hai aapne

सुनीता शानू said...

वाह क्या बात है...सही जवाब दिया भई...:)

Manuj Mehta said...

bahut khoob makarand bhai
bahut hi sahi likha hai aapne.
keep writing

KK Yadav said...

हिंदुस्तान में हरे भरे उपवनों के बीच एक VIP स्थान रखा हे...kya bat kahi hai janab.