चमचो को चरण स्पर्श
नेताओँ को वंदन
जांच की चिता पर
लोकतंत्र का चंदन
मगरमच्छ के आंसू
एक्टिंग भी धांसू
नही मिला सुराग जमी पर
पानी का जहाज ले आए
दूम हिलाते बफादारोँ
कर्जे में डूबे राष्ट्र के कुबेरों
इतिहास तुम्हे माफ़ नही करेगा
तुम बच भी गए , आने वाली नस्ल को साफ़ करेगा
लेखक को जानिये - अनुराग शर्मा के कुछ और साक्षात्कार
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9 जुलाई 2019 को प्रकाशित साक्षात्कार-वार्ताओं की शृंखला में कुछ और विडियो
यहाँ प्रस्तुत हैं।
*विडियो Video*
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*अनुराग शर्मा क...
1 month ago
8 comments:
मगरमच्छ के आंसू
एक्टिंग भी धांसू
नही मिला सुराग जमी पर
पानी का जहाज ले आए
घणी जोरदार रचना मकरंद सर.
रामराम.
बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ, और कविता के लिए बधाई
achcha likga hai
aji aapki kavita bhi dhansu hai badhai
नब्ज़ खूब पकड़ी है आप ने ..बधाई
आने वाली पीढी को छोड़ दो भाई. सुंदर रचना. आभार.
दूम हिलाते बफादारोँ
कर्जे में डूबे राष्ट्र के कुबेरों
इतिहास तुम्हे माफ़ नही करेगा
तुम बच भी गए , आने वाली नस्ल को साफ़ करेगा
-साधुवाद.
कर्जे में डूबे राष्ट्र के कुबेरों
इतिहास तुम्हे माफ़ नही करेगा
बहुत सुंदर रचना! इच्छा तो हमारी भी यही है मगर ऐसा होता नहीं है - १८५७ में स्वाधीनता सेनानियों पर तोपें चलाने वालों के बच्चे कल तक केन्द्रीय मंत्री और मुख्या मंत्री बने हुए थे.
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