ताऊ और ताई के पडौस मे
चकपक दम्पति रहने आये
ताई को चिढाने की गरज से
ताऊ ने कहा : अजी बुरा मत मानना
आजकल रोज ही पडौस वाली श्रीमती चकपक
मेरे सपनों मे आजाती हैं.
ताई ने पूछा - अकेले ही आती हैं ना?
ताऊ ने कहा - हां, पर तुम्हें कैसे मालूम पडा?
तई बोली - क्योंकि मि. चकपक तो रोज मेरे सपने मे आते हैं.
6 comments:
काफी दिनों बाद आपकी रचना पढ़ने मिली बहुत बढ़िया.
वाह!ताऊ को पता चला तो लट्ठ लेकर दौडायेगा भतीजे!
वाह मकरंद सर..चलो आप लौटे तो सही?:)
रामराम
मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! अब तो मैं आपका फोल्लोवेर बन गई हूँ इसलिए आती रहूंगी!
मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!
वह, इसी को कहते हैं सेर को सवा सेर.
क्या बात है बहुत खुब\
बेहतरीन ... बेहतरीन.
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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