सपेरे मुस्कुरा रहे हें
सांपों की बारात हे
मेंडक कर रहे डांस
देश के ऐसे हालात हें
बीन बजा रहे संत
जन मानस रहा डोल
अर्थवयस्था में होल
लोकतंत्र की पोल
चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी
लेखक को जानिये - अनुराग शर्मा के कुछ और साक्षात्कार
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9 जुलाई 2019 को प्रकाशित साक्षात्कार-वार्ताओं की शृंखला में कुछ और विडियो
यहाँ प्रस्तुत हैं।
*विडियो Video*
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*अनुराग शर्मा क...
1 week ago
15 comments:
बहुत लाजवाब मकरंद सर..पूरा चुनावी माहोल रच दिया आपने तो.
रामराम.
चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी
हा हा हा हा सच कह डाला आपने बेहतरीन.."
Regards
chunaav ka sach aap samne le aaye ! bahut khoob !!
बहुत उंची उडान बताई मकरंद जी.:)
सार्थकसामयिक तीखा धारदार पैना क्या क्या कहें बहुत सुन्दर व्यंग हार्दिक धन्यबाद
विगत एक माह से ब्लॉग जगत से अपनी अनुपस्तिथि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ
सुनावी माहौल को छोटी सी कविता में उतार दिया आपने। बधाई।
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खुशियों का विज्ञान-3
एक साइंटिस्ट का दुखद अंत
wah ji wah !
बहुत खूब कहा आपने..बहुत ही अच्छा व्यंग है !!!!!
अब बात कुछ आगे भी बढाओ दोस्त।
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किस्म किस्म के आम
क्या लडकियां होती है लडको जैसी
Kahaan gayab hain aajkal?-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
और बंटेंगे कहीं नोट
जाहिर होता है
लोकतंत्र में खोट।
वाह वाह जनाब जी :)
खूब लिखा है इस बार......
अक्षय-मन
चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी"
वहा....... वहा......... क्या खुब कही है। सुन्दर बन्धु अति सुन्दर॥॥
आभार/मगलकामना
महावीर बी सेमलानी "भारती"
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
Sanpo ki barat hai, medhak kar rahe hai dance...nice poem .
Regards..
DevPalmistry : Lines Tell the Story Of ur Life
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