Monday, March 30, 2009

सुरा और साडी

सपेरे मुस्कुरा रहे हें
सांपों की बारात हे
मेंडक कर रहे डांस
देश के ऐसे हालात हें

बीन बजा रहे संत
जन मानस रहा डोल
अर्थवयस्था में होल
लोकतंत्र की पोल

चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी

15 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत लाजवाब मकरंद सर..पूरा चुनावी माहोल रच दिया आपने तो.

रामराम.

seema gupta said...

चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी

हा हा हा हा सच कह डाला आपने बेहतरीन.."
Regards

vimi said...

chunaav ka sach aap samne le aaye ! bahut khoob !!

दीपक "तिवारी साहब" said...

बहुत उंची उडान बताई मकरंद जी.:)

प्रदीप मानोरिया said...

सार्थकसामयिक तीखा धारदार पैना क्या क्या कहें बहुत सुन्दर व्यंग हार्दिक धन्यबाद
विगत एक माह से ब्लॉग जगत से अपनी अनुपस्तिथि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ

Science Bloggers Association said...
This comment has been removed by the author.
Science Bloggers Association said...

सुनावी माहौल को छोटी सी कविता में उतार दिया आपने। बधाई।

-----------
खुशियों का विज्ञान-3
एक साइंटिस्‍ट का दुखद अंत

Asha Joglekar said...

wah ji wah !

विक्रांत बेशर्मा said...

बहुत खूब कहा आपने..बहुत ही अच्छा व्यंग है !!!!!

Science Bloggers Association said...

अब बात कुछ आगे भी बढाओ दोस्त।
----------
किस्म किस्म के आम
क्या लडकियां होती है लडको जैसी

Science Bloggers Association said...

Kahaan gayab hain aajkal?-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

अविनाश वाचस्पति said...

और बंटेंगे कहीं नोट
जाहिर होता है
लोकतंत्र में खोट।

!!अक्षय-मन!! said...

वाह वाह जनाब जी :)
खूब लिखा है इस बार......

अक्षय-मन

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी"
वहा....... वहा......... क्या खुब कही है। सुन्दर बन्धु अति सुन्दर॥॥

आभार/मगलकामना
महावीर बी सेमलानी "भारती"
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ

Dev said...

Sanpo ki barat hai, medhak kar rahe hai dance...nice poem .

Regards..
DevPalmistry : Lines Tell the Story Of ur Life