हमारी सुरक्षा मजबूत हे
तभी तो जहाज साबुत हे
बिना रडार काम चलता हे
लोकतंत्र में भ्रष्टाचार सब तरफ मुमकिन हे
सब समुद्री नमक के शोकिन हे
आप में हो हिम्मत तो सड़क पर चल कर दिखाइए
पर समुन्दर में बे रोक टोक चले आइये
नाव में जो मज्जा
वो विदेशी बोट में कहाँ ?
खरीदी हे मगर
वो जोश हैं कहाँ ?
आइये नमन करें
वंदन करें
हमारी आजादी सुरक्षित हे
कहानी: आशा
-
"मेरी लघुकथाएँ" से साभार- अनुराग शर्मा
सोमवार का दिन वैसे ही मुश्किल होता है, ऊपर से पहली तारीख़। अपने-अपने खाते से
तनख्वाह के पैसे निकालने वाले फ़ैक्ट्री म...
1 day ago