कुत्तों का टीकाकरण शत प्रतिशत हुआ
कालोनी ने राहत की साँस ली
दुर्भाग्य ने पीछा नही छोडा
एक दल बदलू मेरे पीछे दोडा
में जब तक संभल पाता
उसने मुझे सूंघ लिया
मुस्कुराया
और सवाल दागा
अबे वैलेंटाइन के कागा
हमारी जमात की नक़ल
उसमे भी तुम्हारी सामाजिक पहल .......
ख़ुद को तो टीका लगवायो
नही मानोगे
तो पेड़ पर तुम
सड़क पर हम नज़र आयेंगे
खिलाते नहीं (हिंदी ग़ज़ल)
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अनुराग शर्मा अनुराग शर्मा
कदम राजपथ से हटाते नहीं
गली में मेरी अब वे आते नहीं।
कहीं सच में आ ही न जाये कोई
किसी को बेमतलब बुलाते नहीं।
अंधेरे में खुश नाप...
1 week ago
8 comments:
बहुत बढिया मकरंद सर.
रामराम.
बहुत अच्छा लिखे। आप कुत्तों के बारे में बहुत अच्छा व्यंग्य लिखते हैं, मेरे ऊपर भी लिख दीजिए... मैं भी उसी श्रेणी का हूं...
Very nice poem.Badhai.
बहुत सही सलाह दी मानव के इस नज़दीकी मित्र ने.
बहुत अच्छे मकरंद जी!
काफ़ी पर्यावरणीय रचना है।
आपका हर व्यंग सुगठित और अत्यन्त पैना होता है बधाई
vyang karne ka bahut hi sundar tarika apnaya hai aapne.dhanywaad.
और सवाल दागा
अबे वैलेंटाइन के कागा
हमारी जमात की नक़ल
" ha ha ha ha ha ha ha well said.."
regards
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