Monday, February 2, 2009

जुगाली

परेड ग्राउंड की पार्किंग में
जेसे ही मेने गाड़ी पार्क की

वो आया
मुस्कुराया
दुम हिलाई
टांग उपर की
चला गया ................

ग्राउंड पर चर्चा व्याप्त थी
सत्यम बेल आउट पैकेज ........

शायद साहस में भी मंदी हे

अब साठ के बाद कहाँ तेजी
अब तो मंद मंद जुगाली ही करेगा
उधारी में हो अगर जंगल
तो राजा सिर्फ़ टांग ही उपर कर सकता हे

12 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत लाजवाब मकरंद सर.

रामराम.

Vinay said...

बहुत बढ़िया साहब

ज़रूर पढ़ें: हिन्द-युग्म: आनन्द बक्षी पर विशेष लेख

Gyan Dutt Pandey said...

साहस में मन्दी है - सो जो साहस में इनवेस्ट करेगा, लॉगटर्म में जीतेगा!

रंजना said...

Bahut khoob kaha aapne..

Gyandattji ki bat se sahmat hun.

makrand said...

फोलोअर अठारह
टिपण्णी तीन
में गमगीन
क्या मीठा , क्या नमकीन
बुजुर्गों ने बताया ब्लॉग पर्सनल होता हे
पर बिना पब्लिक मन कहाँ रंगींन होता हे
और दोस्तों हम ठहरे , रणछोड़
बिना मासूका कही इश्क होता हे

all those who comment today really bosted my hobby to write otherwise i was feeling that i am losing creative writng

Vinay said...

आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
दूसरा भाग | पहला भाग

Anonymous said...

भारत भले साठ साल का हो पर इसको चलाने वाले नेता तो शतक लगाने की होड़ में हें, इनकी तुलना में तो देश जवान है जी! आपको भी होश न खोने दीजिये, हाथी धीरे धीरे चलता है पर जिस पर पाँव रख दे उसका कचूमर भी निकालता है!

प्रदीप मानोरिया said...

नि;संदेह रोचक हर बार की तरह उत्कृष्ट

Krishna Patel said...

अब साठ के बाद कहाँ तेजी
अब तो मंद मंद जुगाली ही करेगा
उधारी में हो अगर जंगल
तो राजा सिर्फ़ टांग ही उपर कर सकता हे

bahut achchha likha apne

हरकीरत ' हीर' said...

humm...!! ye humm mujhe Arvind Misra ji sikhaya kahte hain ki jo rachna sar k upar se gujar jaye wahan humm kam aata hai...!

हरकीरत ' हीर' said...

a...aaa ek aur request ye bacche wali tasveer hta len plz...!!

प्रतिमा said...

bahut hi sahi or achcha likha hai aapne.