आदमी बनियान में
वो भी फटी
कुत्ता नेवी ब्लू स्वेटर में
कोहरे में लोकतंत्र
रसोई में सन्नाटा
पत्रिकाएँ नीला लिबास पहने
सरवे जारी हे
मनोरजन के नाम पर राजनीति जारी हे
वेलेंटाइन के कागा
बाँट रहे प्रेम का धागा
मोह्हबत में तिजारत जारी हे
शिक्षा का स्तर बढ गया हे
एड्स की सबको जानकारी हे
उलटबाँसी सूरज की
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*(शब्द व चित्र: अनुराग शर्मा)*
सुबह के सूरज की तो
शान ही अलग है
ऊँचे लम्बे पेड़ों पर
शाम की बुढ़ाती धूप भी
देर तक रहती है मेहरबान
उपेक्षित करके छोटे पौधों...
1 week ago






