सपेरे मुस्कुरा रहे हें
सांपों की बारात हे
मेंडक कर रहे डांस
देश के ऐसे हालात हें
बीन बजा रहे संत
जन मानस रहा डोल
अर्थवयस्था में होल
लोकतंत्र की पोल
चुनाव में चर्चा जारी
कही बटेगी सुरा
कही साडी
खालीपन
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नये पहाड़ चढ़ते हैं
सपाट पगडंडियों से
जो थक चुके हैं
नये व्यंजन पकाते है वे
जो पुरानों से पक चुके हैं
***
जो खुश हैं यथास्थिति से
उन्हें कुछ कमी नहीं
वे कभी...
1 week ago