चमचो को चरण स्पर्श
नेताओँ को वंदन
जांच की चिता पर
लोकतंत्र का चंदन
मगरमच्छ के आंसू
एक्टिंग भी धांसू
नही मिला सुराग जमी पर
पानी का जहाज ले आए
दूम हिलाते बफादारोँ
कर्जे में डूबे राष्ट्र के कुबेरों
इतिहास तुम्हे माफ़ नही करेगा
तुम बच भी गए , आने वाली नस्ल को साफ़ करेगा
बेगाने इस शहर में
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(अनुराग शर्मा)
बाग़-बगीचे, ताल-तलैया
लहड़ू, इक्का, नाव ले गये
घर, आंगन, ओसारे सारे
खेत, चौपालें, गाँव ले गये
कुत्ते, घोड़ा, गाय, बकरियाँ
पीपल, बरगद छाँव ...
9 months ago