Thursday, October 23, 2008

सामजिक पीकदान

सामजिक पीकदान
के कारण,
कई अभिलाषाएं , कई प्रतिभाएं ,
कुर्बान

पुरूष खोलता हे
कपडों की डोरियाँ मुस्कुराकर ,
पर जकड देता हे मन को
परम्पराओ का आइना दिखा कर

मंदी में
सामजिक व्यवस्था हे
जननी का शरीर
सबसे सस्ता हे

Wednesday, October 22, 2008

ब्लोगधारी

ब्लोगधारी और ब्लॉग
रोटी संग साग
टिपण्णी ठंडा पानी
निरंतर चलती कहानी

सबके अपने फलसफे
सबकी अपनी अदा
खट्टी मीठी नोक झोंक
पर रिश्ता सबसे सदा

इश्क और मासूका
लोकतंत्र और नेता
समाज के हर पहलू पर
चलती हे इनकी वाणी
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

Tuesday, October 21, 2008

इश्क और मुआवजा

फार्म भरा
स्टेशन पर पिटे भी
परीक्षा नही दी
मुआवजा मिला सो अलग

हमने भी दिया
इश्क का इम्तिहान
आज तक
मुआवजा भर रहे हें

जमाना बदल रहा हे
नफरत का दावानल बढ़ रहा हे
लपेटे में सबसे पहले आती हे जवानी
डालो इश्क का ठंडा पानी

Sunday, October 19, 2008

IMF की बारी

संसार के पुरातन पेशे में,
से एक की दुहाई
सल्तनतें लूट गई,
पर समझ नही आई

अब IMF की बारी .

आधुनिक अमरीकी समाज
चीफ कर रहे थे मसाज
स्वंय पति देव रिलीज़ कर रहे टेप
पर जाँच होगी

मुख्य बिदु ये हे
कही positinal advantage ,
तो नही लिया
निर्णय अदालत करेगी .......

Saturday, October 18, 2008

चुनाव का टिकट

बंद एसी कमरे में
चिंतन धीर गम्भीर
बाहर खड़े candidate
हो रहे अधीर

किराये पर बुलाये
दिखा रहे आँखे
छुटभहिये नेता
इधर उधर झांके

सफ़ेद पोशो की आड़ में
नगर वधुओं की टोली
मचा हुआ घमासान
जबरन चंदा वसूली

मिल जाए टिकट
तो भाग्य खुल जायेंगे
हार भी गए
पैसा ब्याज पर चलाएंगे

Thursday, October 16, 2008

करवा चोथ और आइना

करवा चोथ
सूरज नही
चाँद का महत्व हे
परिवर्तन संसार का नियम हे

लिव इन का जमाना हे
सीधे मत देखो
ख़ुद पे भरोसा कम हे
आइना जरूरी हे

हर अंतरंग रिश्ता
अब बाज़ारों में बिकता हे
तीज त्यौहार की
अब ये मजबूरी हे

हवाई और जमाई

हवाई नोकरिओं में आया भूचाल
जमीन पर चिल्लाये ये धरा के लाल
मंत्री बोले समस्या गंभीर हे
चॅनल बोले ये तो शरद की खीर हे


यंग hunks ,glamours bebies
रोते नज़र आए
सर्विस इंडस्ट्री के ये कर्णधार
उत्पाती बन्दर से चिलाये


टैक्स का खंजर
अब दूर तक चुभा
मंदी का तो अभी
पहला झटका लगा

Wednesday, October 15, 2008

ड्राइविंग लाईसेन्स

बेटे ने व्यस्त बाप से पुछा
आपकी गाड़ी चाहिए
ड्राइविंग लाईसेन्स के लिए
ट्रायल देना हे

बाप ने झिड़कते हुए कहा
ले पॉँच सो , दे आना
लाईसेन्स घर आ जाएगा
तू नई bike ले आ

आज कंधे पे
वो लाईसेन्स धारी हे
और जवान फोटो पर माला
वो नोट आज भी चल रहा हे

Monday, October 13, 2008

लिव इन, लीव आउट

युद्ध के मैदान में
जितने शहीद नही हुए
एडस में भी इतने
नही गले

सूचना के सभी माध्यमो
के सर्वे से पता चला
अवेध संबंधो की वजह से
उससे ज्यादा स्वर्ग सिधार गए

पर अब ऐसा नही होगा
देश का सामाजिक विकास होगा
सभी ब्लोग्धारी आम जन निश्चिंत हो जांए
लिव इन रहे

नोट : लीव आउट आप की मर्जी

Sunday, October 12, 2008

इश्क का पेस मेकर

इश्क का पेस मेकर हम्रारे दिल को लगा
सालों पुराना कंघा सर पर चला
बचे खुचे लाइन में लगाये
खुशबु बिखेरते हम बस स्टैंड पर नज़र आए

वो कार से आई
बोली गेट इन hurry up dear
हम पलक झपकते कार
में समां गए

उसने जुल्फों को दिया झटका
और एक सवाल पटका
लिव इन के बारे में
क्या ख्याल हे तुम्हारा

हमने कहा लिव इन ,
आम बात हे हमारे लिए
हर बार वादा करते हे
पॉँच साल इंतजार करते

वादों के सेलाब में
पिछले छह दशकों से
कई फ्रेम पर लटक गए
ये हमारे इश्क का जूनून हे

तुम्हारे प्यार में हमारा वादा रहा
इंतजार इश्क का गहना हे
हम तो लाइव रहेंगे
और तुम लिव इन

Thursday, October 9, 2008

मिली जुली सरकार

विभीषण भेद बता भी दे
तो भी रावन नही मरेगा
मिली जुली सरकार का
राम क्या युद्ध करेगा

भरत अब पादुका नही
सुपारी दे के बेठा हे
रावण से नही मरा
तो लछमन के हाथो तरेगा

ये कलयुग का रावन हे
सतयुग के राम से कैसे मरेगा
कलयुग में रावन
मेघनाथ के हाथों मरेगा

Tuesday, October 7, 2008

कन्या भूर्ण

मोर्निंग वाक् पर हाथ में
काला बांस
सर पर उगी थोडीसी
सफ़ेद घास,

लम्बी गाड़ी के
इर्द गिर्द
चक्कर
लगा रहे थे ,

कान में काला यन्त्र
शिदत से चिपका था
और कुछ
बढ़ बढ़ा रहे थे ,

पास में एक मरियल
कांप रहा था
साथ में अच्छी नस्ल का वेल एजूकेटेद
हांफ रहा था

रोचक दृश्य देख कर
हम ने पुछा
माजरा क्या है
बोले ,

यह यन्त्र मोबाइल नही
रिसीवर है
मेरी बीबी सो रही है
उसकी खराटे सुन रहा हु ,

हमने पुछा क्या मतलब ?

बोले जवानी में मिली नही
फिर खूब मेहेनत कर कमाया
फिर इस कमसिन को
खरीद कर लाया ,

जेसे ही खर्राटे बंद होंगे
हम तुंरत घर होंगे

में चाय बनाऊंगा
ये दोनो मेरी बीबी के गुलाम हे
एक सस्ते में
एक महंगे में आया हे

ये कांपने वाला झाडू पोंछा
बर्तन करेगा
हांफने वाला उसकी गोद में
आराम करेगा .

दोस्तों ये रचना का सार हे,

कन्या भूर्ण की हत्या मत कीजिये
एक के तीन से बेहतर हे
तीनो में एका रहे
पति पत्नी और बच्चा

Monday, October 6, 2008

आर्थिक मंदी और अध्यात्म

आर्थिक मंदी के चलते
विश्व हुआ बेहाल
सभी उधोगों के शेयर
थक कर हुए निडाल

अध्यात्म की कम्पनियो का धंधा
हुआ चोगुना
विदेशी मुद्रा भी कमाई
दलालों का इनवेस्टमेंट दुगना

कथावाचक दे रहे अब
ज्योतिष की सीख
अन्धविश्वास के नाम पर
खीचे लाखों की भीड़

सभी धंदे त्रस्त हे
पर यहाँ सभी प्रोडक्ट मस्त हे
उद्योगों को आ रहा पसीना
इनके एयरकंडीशनर का बजट दुगुना

फिल्मी गीतों की तर्ज पर
होती भगवान से प्रीत
शाम डालते मंच पर
होती सोशललाइट ओं की भीड़

लोकतंत्र की जननी
शत शत तुझे प्रणाम
श्रधा के अद्धे पर
सभी भक्त कुर्बान

Friday, October 3, 2008

जो दीखता हे वो बिकता हे

तुम द्रोपदी का चिर हरण दिखाते हो
सीता को वनवास में नही बताते
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
गर्म गोस्त की ख़बर हो तुम तुंरत पहुच जाते हो
एड्स का रोगी लॉन्ग शोट में दिखाते हो
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
अंध विश्वास तुम चटकारे ले के दिखाते हो
गरीब की भूख तुम्हे दिखाई नही देती
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
बड़ी बड़ी कोचिंग क्लास तुम रोज दिखाते हो
नाम मात्र की फी लेने वाले गुरुजन नही दीखते
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
लोगो के रसोई घर तुम्हे नही दीखते
बेढरूम पर जासूसी कैमरा लगते हो
जो दीखता हे वो बिकता हे,
फैशन परेड में सब से पास पाए जाते हो
आग से जुलसे घरों में सब से दूर नज़र आते हो
जो दीखता हे वो बिकता हे ,
संसद के बाहर तुम रोज नज़र आते हो
मोहल्ले की गन्दी नालियां तुम्हे दिखाई नही देती
जो दीखता हे वो बिकता हे,
अब तो पेशा भी बदल गया ,
कहने को पॉवर ब्रोकिंग ,
और दलाली में
किसी कोर्परेट की डायरेक्टरी
जो दीखता हे वो बिकता हे

चुम्बन

समाचार पत्र में पढ़ा ,
बहुत रोचक जानकारी
सोचा उनेह बता दु,
जो उदास हे

पतले होंठे
इंजेक्शन लगाइए
रसीले मोटे हो जायेंगे
छह महा तक असर रहेगा

चुम्बन की दिशा में
कारगर कदम
मिशन से जुड़े सभी डॉक्टर रिसर्च वालों
बधाई

Thursday, October 2, 2008

आउटडेटेड

मेरे बेटे ने पुछा
चोर , सिपाही के खेल में
कम से कम कितने लोग होने चाहिए
मेने कहा दो
बोला आप आउटडेटेड हो
कम से कम तीन
टीवी चॅनल वाला
तो नेसेसिटी हे इस खेल में

बापू

विज्ञापन जगत में होर्डिंग
जगह के हिसाब से बिकता हे
बापू की आढ़ में
इनका चेहरा दिखता

ये लोकतंत्र के रहनुमा हे
इन्हे पहचानो
यह थाने में ,मयखाने में
सर्वत्र व्याप्त हे

बापू के नाम की रोज खाते हे
लूट में इनकी हिसे दारी हे
विज्ञापन इनका पेशा हे
यह अब हर जगह नज़र आयेंगे

तुम सिर्फ़ ये याद रखना
बदलना हो वयवस्था
तो इन्हे साथ मत रखना
बस बापू की तस्वीर काफी हे

सच्चाई अभी बाकी हे ...........
इशिलिये आज भी हम बापू को याद करते हे

Wednesday, October 1, 2008

शुभकामनाये

सभी ब्लॉग धारियों को
शत शत मेरा प्रणाम
नित नित नव सृजन का
करते नव भारत का निर्माण

सब के अपने रंग
सब के अपने ढंग
सब की अपनी काया
सब की अपनी माया

फेला हर तरफ़ विषाद
अपराध आतंक से भयभीत
चारों तरफ समाज

नवरात्र के पावन बेला में
करे हम नया सूधार
टिप्पणियों का मोह छोड़
लिखे रोज नया विचार

शुभकामनाये
नवरात्र शुभ हो

रावन दहन जरुर बचों को दिखाएँ